GST लॉन्चिंग: PM मोदी बोले, गीता में 18 अध्याय और जीएसटी की भी हुईं 18 बैठकें

नई दिल्ली
देश के अब तक के सबसे बड़े कर सुधार की लॉन्चिंग का ऐतिहासिक मौका शुक्रवार को आधी रात को आ गया। तारों से सजी इस रात में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को देश के सभी लोगों की साझी विरासत करार दिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह किसी एक दल या सरकार की सिद्धि नहीं है। यह हम सभी के प्रयासों का नतीजा है। उन्होंने कहा, ‘यह एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है। इस पर सालोंसाल चर्चा हुई है। मौजूदा और पूर्व के सांसदों ने इस पर लगातार बात की है। इस सतत प्रयास का ही परिणाम है कि हम आज जीएसटी को साकार होते देख रहे हैं। जब संविधान बना तो देश के लिए समान अधिकार और समान अवसर की व्यवस्था खड़ी हुई। आज जीएसटी एक तरह से सभी राज्यों के मोतियों को एक धागे में पिरोने का काम कर रहा है।’

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जीएसटी सहकारी संघीय ढांचे की एक मिसाल है। जीएसटी इस बात का प्रतीक का है कि टीम इंडिया की एकजुटता का क्या परिणाम हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि किसी की भी या कहीं की भी सरकार हो, लेकिन सभी ने जीएसटी में आम लोगों के हितों का ध्यान रखा है। पीएम मोदी ने कहा कि जिन-जिन लोगों ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया, मैं उन सभी को बधाई देता हूं।

PM मोदी ने गीता से की जीएसटी की तुलना
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले आज काउंसिल की 18वीं बैंठक हुई। मोदी ने कहा कि गीता के भी 18 अध्याय थे और जीएसटी काउंसिल की भी 18 मीटिंगें हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था को लेकर तमाम आशंकाएं थीं, लेकिन इसे तमाम प्रयासों के बाद लागू किया जा सका है। चाणक्य का उद्धरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोई वस्तु कितनी ही दूर हो या कठिन हो, लेकिन तपस्या के जरिए उसे पाया जा सकता है।

पटेल ने जोड़े सभी राज्य, अब होगा टैक्स का एकीकरण
पीएम उन्होंने कहा कि देश की आजादी के वक्त सरदार पटेल ने जिस तरह 500 से ज्यादा रियासतों को मिलाकर एक किया था, उसी तरह जीएसटी के जरिए देश का एकीकरण हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि देश के 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के 500 से ज्यादा टैक्सों का विलय हो जाएगा। अब गंगा नगर से ईटानगर एक टैक्स, एक देश का नारा गूंजेगा।

जेटली बोले, 17 टैक्सों की जगह लेगा जीएसटी

जीएसटी लॉन्चिंग के ऐतिहासिक कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी के ढांचे को आम आदमी की उम्मीदों के मुताबिक तैयार किया गया है। इसमें राज्यों और केंद्र के राजस्व संग्रह के साथ ही यह भी ध्यान रखा गया कि आम लोगों पर बहुत बोझ न पड़े। जेटली ने कहा कि देश में अब तक 17 अप्रत्यक्ष कर थे, जिन्हें समाप्त कर दिया गया है और एक ही टैक्स होगा। उन्होंने कहा कि कारोबारियों को अब अलग-अलग चैनलों पर संपर्क करने की बजाय सिर्फ एक बार ही ऑनलाइन टैक्स भरना होगा। जीएसटी की विशेषता यह है कि इससे टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं लगेगा। इसका लाभ यह है कि इनपुट पर दिए गए टैक्स का लाभ आपको आउटपुट पर मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे जो बचत होगी, वह गरीब तबके के कल्याण में खर्च हो सकेगी।

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