GST के दायरे में आ सकते हैं पेट्रोलियम उत्पाद: धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली

केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना चाहती है, लेकिन इस पर राज्यों की सहमति के बाद ही ऐसा किया जाएगा। यह बात सोमवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में कही।

मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘सैद्धांतिक रूप से पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी के दायरे में होने चाहिए, लेकिन राज्यों के साथ होने वाली बैठक में ही इस पर फैसला लिया जाएगा।’ उन्होंने बताया कि अभी केंद्र और राज्य सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर कुल 52 फीसदी कर लगाते हैं, जिससे होने वाली आय का उपयोग लोक कल्याण और अवसंरचना विकास कार्यों में होता है।

प्रधान ने कहा, ‘करीब 32 फीसदी कर केंद्र सरकार लगाती है और शेष 20 फीसदी कर राज्य सरकार लगाती है।’ उन्होंने कहा, ‘हम कल्याणकारी राज्य हैं। सरकार देश और इसके लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। कर से होने वाली आय का उपयोग विभिन्न अवसंरचना और सामाजिक परियोजनाओं में होता है।’

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली जीएसटी समिति ने पिछले हफ्ते अपनी सिफारिश रिपोर्ट सौंपी है और शराब तथा पेट्रोलियम उत्पादों का जीएसटी के दायरे में लाने की सलाह दी है। यही मांग कांग्रेस पार्टी भी कर रही है।

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