Graphic content: जब लुहार और नाई इस दर्दनाक तरीके से निकालते थे दांत

इंटरनेशनल डेस्क. दांत निकलवाने की बात सुनकर अच्छों-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। जबकि आज के समय में एनेस्थेटिक के चलते मेडिकल जगत में यह काम अब उतना दर्द भरा नहीं रहा। लेकिन, 18वीं और 19वीं सदी में यह प्रोसेस इतनी दर्दनाक थी कि इसके बारे में ही सोचकर ही डर लगता है। ‘न्यूजडॉगमीडिया’ ने कुछ ऐसी ही फोटोज पब्लिश की हैं, जिसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह दांत के उन मरीजों के लिए कितना भयावह था।    लुहार और नाई करते थे ये काम – यह वह दौर था, जब दांतों के दर्द के लिए कोई ठीक उपचार नहीं था। इसके चलते हिलते दांतों को निकलवाने का ही विकल्प होता था। – सबसे ज्यादा खतरनाक बात तो यह है कि उस समय यह काम डॉक्टर्स नहीं, बल्कि लुहार और नाई किया करते थे। इसके लिए वे प्लास या संडसी का यूज करते थे। – इस काम के लिए कई बार मरीजों को बांध भी दिया जाता था और दांत जड़ समेत बाहर निकाल लिया जाता था। यह दर्द इतना भयानक होता था कि मरीजों को कई-कई दिनों तक दर्द होता था। कई बार संक्रमण के कारण कई लोगों की मौत भी हो जाती थी। – इसी बात को ध्यान में रखते हुए 1878 में ब्रिटेन में डेंटिस्ट एक्ट…

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