2जी स्पेक्ट्रम केस: अरविंद केजरीवाल ने फैसले पर जताया आश्चर्य, पूछा- क्या सीबीआई ने जानबूझकर गड़बड़ की?

नई दिल्ली
देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक 2जी केस को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई कोर्ट के फैसले पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने सवालिया लहजे में एक ट्वीट किया। उन्होंने पूछा कि यूपीए का पतन कराने वाले इस घोटाले की जांच में क्या सीबीआई ने जानबूझकर गड़बड़ की है?

केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा,’2जी घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है। यह यूपीए के पतन की वजह था और इसे देश को हिला दिया था। आज इसके सभी आरोपी बरी हो गए हैं। क्या सीबीआई ने जानबूझकर जांच में गड़बड़ी की है? जनता जवाब जानना चाहती है।’ केजरीवाल के इस ट्वीट को लेकर उनके समर्थन और विरोध में लोग कॉमेंट्स कर रहे हैं। कुछ यूजर्स ने इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस की मिलीभगत बताई है।

बता दें कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले में गुरुवार को विशेष अदालत ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और द्रमुक नेता कनिमोझी सहित इसके सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष इस केस में आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित कर पाने में बुरी तरह विफल रहा है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने सुनाया।

क्या है 2जी स्पेक्ट्रम केस?
2010 में आई एक सीएजी रिपोर्ट में 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम पर सवाल उठाए गए थे। इसमें बताया गया था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के बजाए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर इसे बांटा गया था। इससे सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। इसमें इस बात का जिक्र था कि नीलामी के आधार पर लाइसेंस बांटे जाते तो यह रकम सरकार के खजाने में जाती। दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में विशेष अदालत बनाने पर विचार करने को कहा था।

2011 में पहली बार स्पेक्ट्रम घोटाला सामने आने के बाद अदालत ने इसमें 17 आरोपियों को शुरुआती दोषी मानकर 6 महीने की सजा सुनाई थी। इस घोटाले से जुड़े केस में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रविकांत रुइया, अंशुमान रुइया, लूप टेलीकॉम के प्रमोटर किरण खेतान उनके पति आई पी खेतान और एस्सार ग्रुप के निदेशक विकास सरफ भी आरोपी हैं।

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