19 साल बाद रेलवे ने दोगुना किया रेल हादसों के पीड़ितों का मुआवजा

अमन शर्मा, नई दिल्ली
रेल मंत्रालय ने रेल हादसों में मारे जानेवालों और घायलों के लिए मुआवजे की राशि 19 साल बाद दोगुनी करने का फैसला किया है। देश में रेल हादसों की घटनाएं आम होने के मद्देनजर मंत्रालय का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है। गौरतलब है कि पिछले महीने ही कानपुर ट्रेन ऐक्सिडेंट में 143 लोगों की मौत हो गई थी।

दोगुने मुआवजे का फैसला 1 जनवरी, 2017 से लागू हो जाएगा। इसके तहत रेल हादसों में मारे गए लोगों के परिवारों को अब 4 लाख की जगह 8 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, गंभीर रूप से घायल (हाथ या पैर खो देने, अंधा हो जाने, चेहरे पर गंभीर चोट आने और पूरी तरह बहरा हो जाने) व्यक्ति को भी अब 4 लाख की जगह 8 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। इनके अलावा, अन्य 34 तरह के जख्मों के लिए मुआवजे की रकम भी दोगुनी होकर 6 लाख 40 हजार से 7 लाख 20 हजार रुपये हो गई।

रेल मंत्रालय ने गुरुवार को रेल दुर्घटनाओं को लेकर मुआवजे के नियम में संशोधन किया। साल 1990 में बना यह नियम इससे पहले 1997 में संशोधित किया गया था।

रेल मंत्रालय के इस फैसले के पीछे बॉम्बे हाई कोर्ट के हालिया आदेश को भी वजह माना जा रहा जिसमें कोर्ट ने कहा कि सरकार 1997 के बाद से बढ़ी महंगाई के मुताबिक मुआवजे की रकम बढ़ाए और यह सुनिश्चित करे कि यह रकम वक्त पर पीड़ितों तक पहुंच जाए। इधर, दिल्ली हाई कोर्ट ने भी पिछले साल रेल मंत्रालय से रेल हादसों की मुआवजा राशि बढ़ाने को कहा। कोर्ट ने कहा था कि मंत्रालय यह देखते हुए मुआवजे की रकम बढ़ाए कि हवाई हादसों में मारे जानेवाले लोगों के लिए मुआवजे की राशि कितनी है।

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