12 बड़े एनपीए खातों पर कार्रवाई के लिए बैंकों ने बनाई रणनीति

मुंबई
बैंकों ने सोमवार को 12 बड़े एनपीए वाले खातों के खिलाफ कार्वाई शुरू करने के लिए बैठक शुरू की। भारतीय रिजर्व बैंक ने इन खातों की पहचान की है। सूत्रों का कहना है कि इन खातों को दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के लिए भेजा जाना है।

रिजर्व बैंक ने जिन खातों की पहचान की है, उनमें एम्टेक ऑटो पर 14,074 करोड़ रुपये, भूषण स्टील पर 44,478 करोड़ रुपये, एस्सार स्टील पर 37,284 करोड़ रुपये, भूषण पावर ऐंड स्टील पर 37,248 करोड़ रुपये, आलोक इंडस्ट्रीज पर 22,075 करोड़ रुपये, मोनेट इस्पात पर 12,115 करोड़ रुपये और लैंको इन्फ्रा पर 44,364.6 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।

इस सूची में शामिल अन्य कंपनियां में इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स पर 10,273.6 करोड़ रुपये, इरा इन्फ्रा पर 10,065.4 करोड़ रुपये, जेपी इन्फ्राटेक पर 9,635 करोड़ रुपये, एबीजी शिपयार्ड पर 6,953 करोड़ रुपये और ज्योति स्ट्रक्चर्स पर 5,165 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि बैंकों की सोमवार को यहां बैठक हुई, जिसमें रिजर्व बैंक द्वारा पहचाने गए खातों को लेकर भविष्य की कार्वाई योजना पर विचार किया गया।

एक बैंक अधिकारी ने कहा कि बैठक में कुछ खातों के लिए कार्रवाई योजना पर विचार किया गया। इसके बाद इन्हें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास भेजा जाएगा। एक अन्य बैंकर ने कहा कि बैठक में एम्टेक ऑटो, भूषण स्टील, एस्सार स्टील और अन्य खातों पर विचार विमर्श किया गया। पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक की आंतरिक सलाहकार समिति ने अपनी बैठक के बाद 12 खातों को तत्काल आईबीसी के लिए भेजने की सिफारिश की थी। बैंकिंग प्रणाली के सकल एनपीए में इन खातों का हिस्सा 25 प्रतिशत है।

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