सोशल ट्रेड स्कैम: अरबों का कारोबार और घाटे में दिखाई कंपनी

पुष्पेन्द्र चौहान/ हर्षित वर्मा, नोएडा
मल्टीलेवल मार्केटिंग से सोशल ट्रेड के नाम पर चलाई एबलेज इंफो सल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अरबों का कारोबार करने के बावजूद घाटे में थी। कंपनी ने जो ऑडिट रिपोर्ट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा कराई है, उसमें दिखाया गया है कि कंपनी मुनाफे में नहीं थी। एनबीटी के पास इस ऑडिट रिपोर्ट की कॉपी है। कंपनी को जितना रेवेन्यू मिला है उससे ज्यादा खर्चा दिखाया गया है। इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि महज एक साल के अंदर यह कंपनी अरबों का कारोबार करने लगी। गुरुवार को नोएडा सेक्टर-63 स्थित इस कंपनी के डायरेक्टर अनुभव मित्तल और दो अन्य को एसटीएफ ने 37 अरब के घपले के मामले में गिरफ्तार किया था।

यह है कच्चा चिट्ठा
25 अगस्त 2016 को कंपनी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जो रिपोर्ट जमा करवाई है उसमें बताया गया है कि कंपनी को 26 करोड़ 37 लाख 81 हजार 357 हजार रुपये का रेवेन्यू मिला है। इस दौरान कंपनी के 30 करोड़ 69 लाख 74 हजार 81 रुपये खर्च हुए। इस तरह कंपनी को 4 करोड़ 31 लाख 92 हजार 724 रुपये का घाटा हुआ। अगस्त 2015 में कंपनी ने सोशल ट्रेड शुरू किया था। यह बैलेंसशीट कंपनी ने 2015-16 फाइनैंशल इयर के लिए दाखिल की है। इस एक साल में कंपनी के मेंबर्स की संख्या महज हजारों में थी। जुलाई 2016 के बाद मेंबर तेजी से बढ़े और नोटबंदी के दौर में लाखों में पहुंच गए। 2015 में कंपनी ने 17 हजार 515 रुपये का घाटा दिखाया है। जांच अधिकारियों के अनुसार कंपनी भागने से ज्यादा दिवालिया होने की तरफ अग्रसर थी। 2016-17 वित्तीय वर्ष के लिए अभी कंपनी की तरफ से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अपनी बैलेंसशीट जमा करवाने में समय था। ऐसी आशंका है कि कंपनी इस बार भी घाटा ही दिखाती, जिससे दिवालिया घोषित होने में कोई दिक्कत नहीं होती। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कंपनी के पास मेंबर्स के अलावा और कहीं से भी पैसा नहीं आ रहा था। इसी पैसे को कंपनी उन्हीं मेंबर्स को अपना कमीशन और खर्चे काटकर लौटा रही थी। मैंबर्स के इसी पैसे को कंपनी ने अन्य जगहों पर डायवर्ट किया है, जिसके बारे में पता लगाया जा रहा है।

प्रॉडक्शन वॉरंट मांगा
मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करके एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ईडी) ने अनुभव मित्तल की कंपनियों के दफ्तरों और अन्य परिसरों में सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद मिले दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में उसके प्रॉडक्शन वॉरंट के लिए अप्लाई किया है। इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। ईडी ने अनुभव मित्तल और उनकी कंपनियों की चल और अचल सभी प्रॉपर्टी अटैच कर ली हैं। रविवार को एफआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने नोएडा, गाजियाबाद और कानपुर में अनुभव मित्तल और उनकी कंपनी के दफ्तरों और परिसरों पर सर्च ऑपरेशन चलाया जो सोमवार को भी जारी रहा। अनुभव मित्तल के साथ ही उनकी कंपनियों में पत्नी आयुषी अग्रवाल की 50 फीसदी की हिस्सेदारी है। एबलेज इंफो सल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, सोशल ट्रेड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, 3 डब्ल्यू डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड, इंटमार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में अनुभव मित्तल और वाइफ आयुषी अग्रवाल डायरेक्टर हैं। ईडी के अनुसार सर्च ऑपरेशन में ठगी की रकम से अलग अलग संपत्तियों में इनवेस्ट करने से संबंधित दस्तावेजों के अलावा प्रमोशन के नाम पर लोगों से ली गई रकम से चीटिंग से संबंधित दस्तावेज भी ईडी से हासिल हुए हैं। इनके आधार पर ईडी ने अनुभव मित्तल के प्रॉडक्शन वॉरंट की कोर्ट से मांग की है। इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

बोगस कंपनियों को पेमेंट
एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि जांच के दौरान संकेत मिल रहे हैं कि पब्लिक से आने वाली रकम से कुछ बोगस कंपनियों को भी संदिग्ध पेमेंट की गई हैं। ऐसी आशंका है कि ये कंपनियां फर्जी हैं और कंपनी के पास आने वाले पैसे को डायवर्ट करने के लिए खड़ी की गईं। जांच में पता चला है कि एक कंपनी को 4.5 करोड़ रुपये सिर्फ लैपटॉप और टैबलेट जैसे चीजों के लिए पेमेंट की गई है।

पत्नी को नोटिस
एसएसपी के मुताबिक, अनुभव मित्तल के कारोबार में उनकी पत्नी आयुषी अग्रवाल पार्टनर हैं और कंपनी में डायरेक्टर हैं। फिलहाल वह अंडरग्राउंड हैं। एसटीएफ को बताया गया है कि वह अपने रिश्तेदारों के यहां हैं। इनवेस्टिगेशन में सहयोग के लिए उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। इसके लिए उन्हें सभी पतों पर नोटिस दिया जा रहा है।

गेट पर लिखा आईडी नंबर
आरोपी कंपनी के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटने लगा है। सोमवार को लोगों ने कंपनी के गेट पर अपनी आईडी नंबर और नाम लिखकर विरोध जताया। सेक्टर-63 में रहने वाले रवि मावी और पंकज अग्रवाल भी इस ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हुए हैं। उन्होंने सोमवार को कंपनी के बाहर विरोध जताया। साथ ही कंपनी के गेट पर पेंट से अपनी आईडी और मोबाइल नंबर लिखा। रवि मावी ने बताया कि उन्होंने 11 जनवरी को 1.15 लाख रुपये लगाए थे, जिसमें एक भी रुपया रिकवर नहीं हुआ। आईडी खुलने के बाद भी पैसे न आने पर कंपनी में शिकायत की थी। कंपनी के एंप्लाई ने कहा कि उनके सर्वर पर अभी काम चल रहा है। अब रवि का कहना है कि कंपनी ने उनके साथ ठगी की है। पंकज अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने 57,500 रुपये वाली दो आईडी ली हैं, जिसमें से सिर्फ 1900 ही रिकवर हुए हैं।

गुजरात के लोग भी फंसे हैं
इस झमेले में गुजरात के 35 लोगों के करीब 2.5 करोड़ रुपये फंस गए हैं। हालांकि इन लोगों का कहना है कि कंपनी ने फ्रॉड नहीं किया है, कंपनी डिजिटल मार्केटिंग कर रही थी। गुजरात से आए गोपीचंद ने बताया कि उन्होंने 23 दिसंबर को आठ लाख रुपये लगाए जिसमें से आठ हजार ही रिकवर हुए हैं। गांधीनगर निवासी नितिन ने बताया कि उन्होंने 29 नवंबर को 57500 रुपये वाली पांच आईडी ली थी। इसमें से 4500 रुपये ही रिकवर हुए हैं। इसी तरह गुजरात से करीब 15 लोग नोएडा के सेक्टर-55 स्थित एक होटल में डेरा डाले हुए हैं। इन सभी का कहना है कि उनकी 35 लोगों की चेन बनी है और उन लोगों ने करीब ढाई करोड़ रुपये इनवेस्ट किए हैं। इन सभी के चेहरों पर ठगे जाने की हताशा साफ दिख रही थी। ये लोग रविवार को दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन में भी शामिल हुए थे। इन लोगों का कहना है कि कंपनी प्रमोशन का काम करती थी। इनका कहना है कि यूपी की लचर प्रशासनिक मशीनरी के कारण उन्हें नहीं लगता कि शिकायत दर्ज कराने पर भी कोई फायदा होगा। इनका कहना है कि अगर अनुभव मित्तल छूट जाता है तो शायद उनके पैसे मिल जाएं।

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