सूखे से निपटने को बना एक्शन प्लान

नई दिल्ली

मोदी सरकार के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती है, संभावित सूखे की स्थिति से निपटना। सरकार इस काम में किसी तरह की कसर बाकी नहीं रखना चाहती। यही कारण है कि एक्शन प्लान तैयार करने के बाद पीएमओ ने सभी संबंधित मंत्रालयों को आदेश दिया है कि अगर कहीं भी सूखे की स्थिति की आहट होती है, जो एक्शन प्लान तैयार किया है, उसके तहत एक्शन होना चाहिए। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि अगर किसी प्रकार के सूखे की स्थिति बनती है तो उससे निपटने के लिए हम तैयार हैं।

खाद्यान्न भंडार से लेकर किसी प्रकार की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए हम एक्शन प्लान तैयार कर दिया गया है। उस पर तुरंत कार्रवाई होगी। पीएम चाहते हैं कि सूखे की स्थिति का इस तरह से मुकाबला किया जाए, जिससे इसका लोगों और देश की इकॉनमी पर कोई असर न पड़े। सूत्रों के अनुसार पीएमओ ने बिजली, उर्वरक, कृषि, वित्त और खाद्य मंत्रालयों को स्पष्ट रूप से कहा है कि वे इस बात पर नजर रखें कि किन क्षेत्रों में बारिश कम हुई है और किन क्षेत्रों में सूखे की स्थिति बन रही है।

ऐसा आभास होने पर जो एक्शन प्लान तैयार किया गया, उसको तुरंत अमल में लाया जाए। विशेष रूप से वित्त मंत्रालय से कहा गया है कि वह फंड रिलीज करने में जल्द कार्रवाई करें। बेमौसमी बारिश के बाद जिस तरह से फसलें बर्बाद हुईं और किसानों ने आत्महत्या की, उससे मोदी सरकार की नीतियों पर सवालिया निशान लग गया है। किसानों को मुआवजा मिलने में भी देरी हुई। वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार अगर सूखे की स्थिति बनती है तो हमारी सरकार उससे निपट सकती है। कृषि मंत्री ने संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों से बैठक कर रणनीति तैयार कर ली है। ऐसी स्थिति में संबंधित मंत्रालयों को पता है कि उनको क्या काम करना है।

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Navbharat Times