सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आधार को पैन से कराना होगा लिंक: एक्सपर्ट

प्रीति मोतियानी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता को मौलिक अधिकार घोषित किए जाने के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या इनकम टैक्स रिर्टन फाइलिंग के लिए अभी भी आधार और पैन को लिंक करने की जरूरत है? हालांकि कोर्ट को अभी भी यह स्पष्ट करना है कि फैसले का विभिन्न योजनाओं और टैक्स रिटर्न फाइलिंग के लिए आधार की अनिवार्यता पर क्या असर होगा।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों वाली बेंच के आदेश में सिर्फ यह स्पष्ट किया गया है कि निजता भारतीय नागरिकों का मौलिक अधिकार है। पीपल अडवाइजरी सर्विसेज के पार्टनर और नैशनल लीडर सोनू अय्यर कहते हैं, ‘सुप्रीम कोर्ट का आदेश आधार ऐक्ट या इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 139AA (आधार और पैन को इनकम टैक्स के लिए अनिवार्य) के बारे में नहीं है।’

5 जजों की बेंच अब ‘निजता के अधिकार’ के नजरिए से आधार पर विचार करेगी। अय्यर ने कहा, ‘जब तक इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता और आधार को संवैधानिक रूप से अवैध नहीं करारा दिया जाता, पैन को आधार से जोड़ने का काम जारी रहेगा। सीबीडीटी ने इसके लिए 31 अगस्त 2017 की समयसीमा तय कर रखी है। आधार और पैन को लिंक किए बिना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल को प्रोसेस नहीं किया जाएगा।’

H&R Block, India के टैक्स रिसर्च हेड चेतन चंडोक ने कहा, ‘यद्यपि इस सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता को लेकर सरकार के फैसले पर सवाल बड़े सवाल नहीं खड़े किए हैं लेकिन जब तक कोर्ट इस पर कोई फैसला नहीं लेता मौजूदा स्थित में कोई बदलाव नहीं आएगा। इसलिए आधार और पैन को लिंक किए बिना रिटर्न को प्रोसेस नहीं किया जाएगा।’

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