सिर्फ विधायी प्रक्रिया के जरिये ही निरस्त किया जा सकता है तलाक-ए-बिद्दत

कानून के जरिये हालात बदले जा सकते हैें। तलाक बिद्दत हनफी पंथ को मानने वाले सुन्नियों के धर्म का अभिन्न हिस्सा है।

Jagran Hindi News – news:national