सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता सुधरने से वृद्धि को प्रोत्साहन: वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली
सरकारी खर्च की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आने के परिणामस्वरूप चालू वित्त वर्ष के दौरान उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल की गई है। वित्त मंत्रालय ने यह बात कही है। वित्त सचिव रतन पी. वाटल ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष के दौरान संपत्ति सृजन में हुए पूंजीगत खर्च में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। वेतन भुगतान पर होने वाले राजस्व खर्च के मुकाबले संपत्ति सृजन में अच्छी वृद्धि हुई है। कई सालों के अंतराल के बाद यह हुआ है। उच्च वृद्धि हासिल होने के पीछे यह भी एक वजह हो सकती है।’

चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है जो कि पिछले पांच सालों के दौरान सबसे ऊंची है। वाटल ने वित्त मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनल पर कहा, ‘इस वित्त वर्ष में खर्च की गुणवत्ता में भी सुधार आया है। हमें जितना राजस्व प्राप्त हुआ है और जो हम खर्च कर रहे हैं- दोनों करीब-करीब आगे-पीछे रहे हैं। इस प्रकार हम योजना के अनुरूप ही आगे बढ़ रहे हैं।’

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अप्रैल से दिसंबर की अवधि में योजना व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई दी है। महालेखानियंत्रक के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर अंत में योजना व्यय बजट में लगाए गए अनुमान का 74.4 प्रतिशत रहा है जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 61.3 प्रतिशत पर था। जहां तक पूंजी खाते में योजना व्यय का मुद्दा है, इसमें खर्च की स्थिति में और बेहतर सुधार हुआ है।

दिसंबर में पूंजी व्यय बजट अनुमान का 85.3 प्रतिशत रहा जबकि एक साल पहले इस मद में बजट अनुमान का 57.9 प्रतिशत ही खर्च किया गया था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को बजट अनुमान का 3.9 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है। पिछले वर्ष यह 4 प्रतिशत रहा था। इसके साथ ही अगले वित्त वर्ष के दौरान इसे जीडीपी का 3.5 प्रतिशत पर लाने की कार्ययोजना बनाई गई है।

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