सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से बढ़ेगी कार सेल्स

आशुतोष आर श्याम, मुंबई

इन्वेस्टर्स का मानना है कि इस साल आने वाली सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी, जिससे मारुति सुजुकी को फायदा हो सकता है। वेतन आयोग की सिफारिशें अक्टूबर तक आने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इसे जुलाई 2016 तक लागू कर दिया जाएगा। इससे फाइनैंशल इयर 2017 में कार सेल्स में डबल डिजिट में बढ़ोतरी की उम्मीद है। ऐनालिस्टों का कहना है कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से सबसे ज्यादा फायदा मारुति सुजुकी को होगा। पिछली बार वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद फाइनैंशल इयर 2009 से 2011 के बीच कार सेल्स में सालाना 18 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी।

इस बारे में क्रेडिट सुइस के रिसर्च ऐनालिस्ट जतिन चावला और अक्षय सक्सेना ने 15 जुलाई की रिपोर्ट में लिखा, ‘छठे वेतन आयोग की सिफारिशें अगस्त 2008 में लागू हुई थीं। इसके बाद फाइनैंशल इयर 2008 से 2012 के बीच सरकारी कर्मचारियों से मारुति सुजुकी की सेल्स 10 गुना बढ़ी थी।’ क्रेडिट सुइस का कहना है कि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से भारत में कारों की मांग 10 पर्सेंट बढ़ सकती है। उसका कहना है कि इसके चलते फाइनैंशल इयर 2017 में मारुति की सेल्स 23 पर्सेंट बढ़ सकती है। पहले उसने इसके 17 पर्सेंट बढ़ने का अनुमान लगाया था। ब्रोकरेज फर्म ने मारुति के स्टॉक के लिए टारगेट प्राइस भी 4,370 रुपये से बढ़ाकर 5,100 रुपये कर दिया है।

मारुति का भी कहना है कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ने से उसे फायदा होगा। कंपनी के ऐग्जिक्युटिव डायरेक्टर, सेल्स रणधीर सिंह कलसी ने कहा, ‘हमने फाइनैंशियल इयर 2015 में सरकारी एंप्लॉयीज को 2,00,000 गाड़ियां बेची हैं। अगर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं तो इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है।’ पिछली बार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ने पर कंपनी की 2.5 से 5 लाख की गाड़ियों की सेल्स ज्यादा बढ़ी थी। दूसरी ऑटो कंपनियां भी नए वेतन आयोग के आने के बाद सेल्स बढ़ने की उम्मीद कर रही हैं।

ह्युंडई इंडिया के प्रेसिडेंट (सेल्स) राकेश श्रीवास्तव ने कहा, ‘अगर लोगों के पास खर्च करने लायक रकम बढ़ती है तो वे हाई क्वॉलिटी प्रॉडक्ट्स खरीदेंगे। सैलरी बढ़ने से बेशक इंडस्ट्री की ग्रोथ बढ़ेगी।’ केंद्र सरकार के 30 लाख कर्मचारी हैं, जबकि राज्य सरकारों के एंप्लॉयीज की संख्या तीन गुना है। इनमें से 25 पर्सेंट को 30,000-50,000 रुपये की मंथली सैलरी मिलती है। क्रेडिट सुइस का अनुमान है कि इनमें से करीब 10 पर्सेंट कार खरीद सकते हैं, जिससे 3,00,000 कारों की ज्यादा बिक्री हो सकती है।

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