संयुक्त राष्ट्र ने कहा, प्रतिबंधों को धता बताते हुए निर्यात से कमाई कर रहा नॉर्थ कोरिया

संयुक्त राष्ट्र
नॉर्थ कोरिया पर दबाव बनाने की अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की ‘बैन डिप्लोमैसी’ फेल होती दिख रही है। प्रतिबंधों को धता बताते हुए नॉर्थ कोरिया दुनिया के कई देशों को निर्यात कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि नॉर्थ कोरिया प्रतिबंधित किए गए सामानों जैसे कोयला, लोहा, स्टील आदि का निर्यात कर बैन का उल्लंघन कर रहा है। UN के मुताबिक पिछले साल ऐसे प्रतिबंधित सामानों के निर्यात से नॉर्थ कोरिया को करीब 13 अरब रुपये (200 मिलियन डॉलर) का राजस्व प्राप्त हुआ है। खास बात यह है कि प्रतिबंधित निर्यात के लिए नॉर्थ कोरिया ने नया ‘जुगाड़’ निकाला है। वह चकमा देने की तकनीक के साथ-साथ जहाजों के रास्तों में भी हेरफेर कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के एक पैनल को इस बात के भी सबूत मिले हैं कि बलिस्टिक मिसाइल विकसित करने और रासायनिक हथियार कार्यक्रम के लिए नॉर्थ कोरिया का सीरिया के साथ सैन्य सहयोग जारी है। इसके साथ ही उसके म्यांमार के साथ भी घनिष्ठ संबंधों की जानकारी मिली है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट में बताया गया है कि नॉर्थ कोरिया लगभग उन सभी सामानों का निर्यात कर रहा है, जिस पर संयुक्त राष्ट्र ने बैन लगा रखा है।

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इससे नॉर्थ कोरिया को जनवरी से सितंबर 2017 के बीच करीब 200 मिलियन डॉलर की कमाई हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कोयले की शिपमेंट चीन, मलयेशिया, दक्षिण कोरिया, रूस और वियतनाम पहुंची।’ खास बात यह है कि शिप से सामानों की खेप चकमा देने के नए-नए तरीकों, मार्गों और भ्रम पैदाकर पहुंचाई गई। गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद ने पिछले साल कई सख्त प्रस्तावों को स्वीकार करते हुए नॉर्थ कोरिया पर निर्यात बैन को काफी व्यापक कर दिया था।

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काम नहीं आ रही प्रतिबंध की रणनीति
बैन का मकसद एक था कि कैसे भी नॉर्थ कोरिया के मिलिटरी प्रोग्राम्स को मिल रही फंडिंग रोकी जाए। नॉर्थ कोरिया के छठे परमाणु परीक्षण और कई बलिस्टिक मिसाइल लॉन्च के बाद अमेरिका ने भी नॉर्थ कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंधों को सख्त कर दिया था। दरअसल, नॉर्थ कोरिया ने दावा किया था कि उसने अमेरिका तक परमाणु हमला करने की क्षमता विकसित कर ली है। इस रिपोर्ट के सामने आने से साफ हो गया है कि प्रतिबंधों की रणनीति काम नहीं आ रही है।

नॉर्थ कोरिया के राजनयिक कर रहे ‘खेल’
7 जहाजों को दुनियाभर के बंदरगाहों पर आने से प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि इन्होंने कोयला और पेट्रोलियम पहुंचाकर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन किया था लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नॉर्थ कोरिया के राजनयिक खासतौर से कारोबार प्रतिनिधि हथियारों की बिक्री और सैन्य तकनीकों की अदला-बदली के लिए लगातार मदद मुहैया करा रहे हैं।

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