संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने करवाई उलेमा कॉन्फ्रेंस, नहीं समझे उलेमा

नई दिल्ली
देश के अलग-अलग कोने से आए उलेमाओं से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता ने तीन तलाक से लेकर हलाला और गोकशी से लेकर वंदेमातरम पर बात की। संघ नेता इंद्रेश कुमार ने उलेमाओं को यह समझाने की कोशिश की कि एक बार में तीन तलाक गुनाह है और हलाला की इस्लाम में कोई जगह नहीं हैं। संघ नेता ने यह भी समझाने की कोशिश की कि वंदे मातरम बोलने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन संघ से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बुलाई गई इस उलेमा कॉन्फ्रेंस में ही कई उलेमा संघ, नेता की बात से सहमत नहीं दिखे।

कहीं अच्छे की बजाय बुरा न हो जाए
जब इंद्रेश कुमार तीन तलाक और हलाला को इस्लाम के खिलाफ बता रहे थे उस वक्त भी कई उलेमा आपस में बात कर रहे थे और आपस में ही दबी जुबान में अपने ऐतराज का इजहार कर रहे थे। इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो लोग तीन तलाक या हलाला का समर्थन करते हैं उन लोगों की वजह से खूबूसूरत इस्लाम बदबूदार हुआ है और मुसलमान साफ होने की बजाय दागदार हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुरान में हलाला की कोई जगह नहीं है। हालांकि कॉन्फ्रेंस के बाद एनबीटी से बात करते हुए यूपी से आए मुफ्ती मोहम्मद कमर ने कहा कि कुरान में हलाला का जिक्र है। लेकिन इसके साथ जो शर्त लगाई जाती है वह कुरान में नहीं है। उन्होंने कहा कि कुरान में कहा गया है कि अगर अपनी बीवी को तलाक दे दिया है और फिर उससे निकाह करना चाहते हो तो उसका पहले दूसरे से निकाह कराना होगा, लेकिन यह शर्त नहीं है कि उसे तुरंत छोड़ दो। आजकल जो हलाला होता है वह गलत है क्योंकि तुरंत छोड़ने का प्रेशर बनाकर हलाला करते हैं, प्रेशर बनाना गलत है, हलाला गलत नहीं है। मुफ्ती कमर ने कहा कि तीन तलाक पर रोक अच्छा सोचकर लगाई जा रही है लेकिन कहीं इसका गलत नतीजा न निकल जाए। उन्होंने कहा कि कहीं कोर्ट के डर से अपनी बीवी को साथ रखने को मजबूर लोग आत्महत्या या हत्या जैसा कदम न उठा लें।

इस्लाम में गोकशी हराम नहीं
जहां कॉन्फ्रेंस में संघ नेता ने गोकशी को गुनाह बताते हुए कहा कि कुरान में सबसे बड़े चैप्टर का नाम ही सुराय बकर है जिसमें बकर का मतलब गाय है यानी कुरान में गाय को बड़ा सम्मान दिया गया है, वहीं मुफ्ती कमर ने कहा कि इस्लाम में गोकशी हराम नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्लाम गोकशी की इजाजत देता है। लेकिन हुकूमत अगर इसे रोकना चाहती है तो पहले आंध्र प्रदेश, कर्नाटक में रोकें। उन्होंने कहा कि इस्लाम में यह कहा गया है कि दूसरों का दिल ना दुखाओ इसलिए अगर गोकशी से किसी का दिल दुखता है तो उससे परहेज करना चाहिए।

साफ करो कि मादरे वतन ही है वंदे मातरम
मदरसों में वंदे मातरम गाने के यूपी सरकार के फरमान और न गाने पर कार्रवाई की बात कहने के विवाद के बीच उलेमा कॉन्फ्रेंस में संघ नेता इंद्रेश कुमार ने वंदे मातरम के नारे लगवाए। संघ नेता ने कहा कि पहले हम उर्दू में नारे लगाएंगे और नारा लगवाया मादर-ए-वतन जिंदाबाद, फिर कहा कि इसे ही हिंदी में लगाएंगे और कहा भारत माता की जय, इसके बाद कहा कि इसे ही हम संस्कृत में लगाएंगे और नारा लगवाया वंदे मातरम। कई उलेमाओं ने जहां नारे लगाए वहीं कई ऐसे भी थे जो सिर्फ सुनते रहे। मुफ्ती कमर ने कहा कि हम सब अपने मुल्क से बेहद प्यार करते हैं इसलिए मादर-ए-वतन जिंदाबाद कहते हैं। लेकिन इन्होंने (संघ नेता) जैसा कहा कि वंदे मातरम संस्कृत का जुमला है और यह मादर-ए-वतन का ही संस्कृत अनुवाद है तो फिर यह इन्हें साफ करना चाहिए। अगर डिक्शनरी यह कहती है तो फिर हमें वंदेमातरम से भी कोई हर्ज नहीं हैं लेकिन अगर इसका कोई और मतलब है जिसको हम नाजायज कहते हैं तो फिर सोचना होगा।

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