शूर्पणखा ने भद्राकाल में बांधी थी रावण को राखी, बर्बाद हो गया

इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि जब तक ब्रह्मा, विष्णु और महेश साथ में मौजूद नहीं होते हैं तो कोई भी पूजा संपन्न नहीं मानी जाती।

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