व्यापारिक नियमों के सहारे चीन को काबू में करने की सोच रहा है अमेरिका

वॉशिंगटन
अमेरिका व्यापार के रास्ते चीन पर लगाम कसने की तैयारी कर रहा है। चीन को अपने यहां हो रहे बौद्धिक संपदा (इनटलेक्चुअल प्रॉपर्टी ) की चोरी के खिलाफ सख्त कदम उठाने को मजबूर करने के लिए अमेरिका व्यापारिक उपायों को आजमाने की सोच रहा है। अमेरिका सहित कई देश पिछले काफी समय से चीन में हो रही बौद्धिक संपदा की चोरी का मुद्दा उठाते रहे हैं। वॉल स्ट्रीट जनरल ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

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ट्रंप प्रशासन अमेरिकी व्यापार कानून में बेहद कम इस्तेमाल होने वाले एक नियम के सहारे चीन के खिलाफ कार्रवाई करने की सोच रहा है। यह ट्रेड कानून अमेरिका को इस बात की जांच करने का अधिकार देता है कि क्या चीन द्वारा अपने यहां लागू किए गए बौद्धिक संपदा से जुड़े कानून अनैतिक व्यापारिक नीतियों को बढ़ावा देते हैं। अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्रंप प्रशासन पेइचिंग पर बौद्धिक संपदा की चोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दबाव बनाना चाहता है। अमेरिका चाहता है कि चीन बौद्धिक संपदा की चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्ती दिखाए। साथ ही, वॉशिंगटन यह भी चाहता है कि चीन व्यापारिक नियमों में ढील दे ताकि जो अमेरिकी कंपनियां चीन के बाजार में घुसना चाहती हैं उन्हें फायदा हो। अभी यह साफ नहीं है कि ट्रंप प्रशासन यह फैसला लेने में कितना वक्त लगाएगा। अखबार ने हालांकि अधिकारियों के हवाले से बताया है कि अगले हफ्ते तक इस संबंध में घोषणा की जा सकती है।

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इस साल अप्रैल में जब राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और चीन के प्रीमियर शी चिनफिंग की मुलाकात हुई, तब दोनों देशों के आपसी संबंधों का समीकरण सुधरने की उम्मीद जगी थी। दोनों नेताओं के बीच 100 दिनों के ऐक्शन प्लान को लेकर सहमति भी बनी। इसका नतीजा अच्छा रहा। 2003 के बाद पहली बार अमेरिका की ओर से चीन को बीफ का निर्यात शुरू हुआ। लेकिन इसके बाद चीजें थमती नजर आईं। जुलाई में दोनों देशों के बीच व्यापारिक विवादों और असहमतियों पर बातचीत करने के लिए एक बैठक भी हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उत्तर कोरिया और साउथ व ईस्ट चाइना सी जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के कारण भी दोनों देशों के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका उत्तर कोरिया को काबू में करने के लिए चीन के प्रभाव का इस्तेमाल करना चाहता है, लेकिन पेइचिंग इसके लिए राजी होता नहीं दिख रहा। पिछले हफ्ते ट्रंप ने उत्तर कोरिया परमाणु संकट के मद्देनजर चीन के बर्ताव की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि नॉर्थ कोरिया को रोकने के लिए पेइचिंग ने जो कोशिशें कीं, वे नाकाफी हैं। ट्रंप ने संकेत दिया था कि अमेरिका व्यापार व अन्य संबंधित क्षेत्रों में चीन के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

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