विधायकों की सदस्यता रद्द: आम आदमी पार्टी ने तैयार किया प्लान B

नई दिल्ली
‘आप’ ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में बीजेपी को घेरने के लिए प्लान बी तैयार किया है। पार्टी संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल ने 20 विधायकों के साथ मीटिंग की। इसमें उनसे कहा गया कि वह अपने अपने क्षेत्र में लोगों के बीच जाएं और उन्हें इस मामले की असलियत बताएं। सोशल मीडिया के जरिए भी ‘आप’ इस मसले पर बीजेपी को घेर रही है।

प्लान की वजह क्या है: पार्टी नेता इसे लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं कि अदालत में यह मामला नहीं टिकेगा और विधायकों की सदस्यता नहीं जाएगी। फिर भी पार्टी इस मसले पर जरा भी ढील नहीं देना चाहती। पार्टी ने चौतरफा अटैक की रणनीति बनाई है। एक तरफ कानूनी लड़ाई की रणनीति तैयार है। दूसरी तरफ पार्टी नेता और प्रवक्ता लगातार मीडिया के जरिए अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए भी फैक्ट के साथ आप विधायकों पर लग रहे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के आरोपों को काउंटर करने के अलावा दूसरे राज्यों का उदाहरण देकर भी यह बताने की कोशिश हो रही है कि बीजेपी आम आदमी पार्टी को निशाना बना रही है।

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अब पार्टी विधायक भी लोगों को जाकर बताएंगे कि इस मसले की सच्चाई क्या है। उन्हें बताया जाएगा कि ‘आप’ के विधायकों का पक्ष सुना ही नहीं गया और एकतरफा फैसला सुना दिया गया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी को लगता है कि इससे दो फायदे होंगे। अगर अदालत इस मामले को खारिज कर देती है तो आप पब्लिक आउटरीच के जरिए लोगों को यह बताने में सफल होगी कि किस तरह दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा है। अगर उपचुनाव की नौबत आती है तो लोगों को पूरे मामले की जानकारी होगी और बीजेपी पर दिल्ली के लोगों को फिर से चुनाव में धकेलने का ठीकरा फूटेगा साथ ही चुनाव में ‘आप’ को फायदा होगा।

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राष्ट्रपति से मिलेंगे विधायक: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि आप के 20 विधायक राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांग रहे हैं। उन्हें बताया जाएगा कि बिना सुनवाई किए किस तरह चुनाव आयोग ने अपना फैसला दिया है। विधायकों से न सबूत मांगे गए न गवाह बुलाए गए। यह असंवैधानिक है और अलोकतांत्रिक भी। सिसोदिया ने कहा, ‘हम राष्ट्रपति से अपील करेंगे कि इसे वापस चुनाव आयोग के पास भेजें और कहें कि पहले विधायकों से मिलें, सुनवाई करें और तब कोई ऑपिनियन दें। ‘आप’ नेता ने कहा कि किसी भी विधायक ने एक रुपये का फायदा नहीं उठाया है। न गाड़ी ली, न ऑफिस, बल्कि अपने पैसे खर्च करके वह काम करते रहे।

उपचुनाव के लिए भी तैयार: सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के 3 साल के कामों को गिनाते हुए कहा कि हमने जो काम किए हैं उससे बीजेपी-कांग्रेस घबराई हुई है। यही वजह है कि इस तरह की साजिश रची जा रही है। पहले भी ‘आप’ के विधायकों को परेशान किया गया और फर्जी एफआईआर कराई गई। विधायकों को खरीदने की कोशिश भी हुई, सीबीआई रेड और कई फाइलों की स्क्रूटनी कराई गई, लेकिन इनके हाथ कुछ नहीं लगा।

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डेप्युटी सीएम ने कहा कि अब दिल्ली सरकार चौथे साल में चौथे गेयर पर आ रही है तो बीजेपी की साजिश है कि इसे उलझा के रखा जाए, ताकि जनता के हित के काम न हो पाएं। उन्होंने कहा कि बीजेपी दिल्ली को चुनाव में धकेलना चाहती है, फिर लोकसभा चुनाव हो जाएंगे और फिर विधानसभा चुनाव की तैयारी। सिसोदिया ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि यह मामला अदालत में 2 मिनट भी नहीं टिकेगा। अगर फिर भी उपचुनाव की नौबत आई तो हम जनता की अदालत में जाएंगे और हमें वहां न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव होने पर बीजेपी-कांग्रेस की एक भी सीट पर जमानत नहीं बचेगी।

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