वाराणसी: फेसबुक की मदद से विदेशी बेटी को मिला पिता की विरासत का पता

विकास पाठक, वाराणसी
आस्ट्रेलिया के जाने माने मूर्तिकार फ्रेड मेहता की मौत के काफी दिनों बाद बनारस में सुरक्षित उनकी कलाकृतियों के बारे में जानकारी सामने आ सकी है। यह फेसबुक के जरिए ही संभव हो सका है। फ्रेड की बेटी इंडिया मेहता, अपने पिता की निशानियों को देखने बनारस पहुंचीं हैं।

भारतीय मूल के फ्रेड मेहता करीब 4 साल पहले आस्ट्रेलिया से बनारस आए थे। सामने घाट इलाके में गंगा किनारे बसे रामछाटपार शिल्पन्यास में उन्होंने लगातार तीन महीने रहकर तीन दर्जन से अधिक मूर्तियां और चित्र बनाए। उनकी कृतियां शिल्पन्यास में रखे होने की जानकारी परिवारीजनों को नहीं थी। कुछ महीने पहले आस्ट्रेलिया में रहने वाली इंडिया मेहता ने अपने पिता की मृत्यु की सूचना फेसबुक पर पोस्ट की तो फ्रेड के बनारसी मित्र बीएचयू के दृश्य कला संकाय के मूर्तिकार मदन लाल मर्माहत हो गए। उन्होंने फेसबुक के जरिए इंडिया मेहता से संपर्क कर बताया कि फ्रेड की कई अनूठी कलाकृतियां उनके पास है।

फेसबुक संदेश से पिता की कृतियों के बारे में पता चलने पर उसके दर्शन के लिए इंडिया मेहता अपनी बड़ी बहन इमेज मेहता व एक मित्र के साथ बनारस पहुंची हैं। शिल्प न्यास में रखी पिता से जुड़ी स्मृतियों को देख इंडिया मेहता की आंखें नम हो गई। इनमें मेटल से तैयार 21 मूर्ति शिल्प तथा पत्थरों और कागज पर उकेरी गई 25 कलाकृतियां और उनके द्वारा उपयोग में लाया गया सामान शामिल हैं। फ्रेड मेहता की कृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई है जो 25 जनवरी तक प्रतिदिन सायं 4 से 7 बजे तक जनसामान्य के लिए खुली रहेगी। इस दौरान इंडिया मेहता मौजूद रहेंगी।

तलाशेंगी जड़
इंडिया मेहता का कहना है कि मुझे पता ही नहीं था कि पिता ने अपनी कृतियां बनारस में रख छोड़ी हैं। विरासत से रू-ब-रू होने के बाद अब उनके मन में अपने भारतीय परिजनों से मिलने की इच्छा प्रबल हुई है। इसके लिए वे मुंबई में पूर्वजों की जड़ तलाशेंगी।

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