रेप केस में दिल्ली सरकार ने मैजिस्ट्रेट जांच के दिए आदेश

नई दिल्ली
ईस्ट दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। दिल्ली सरकार ने विवेक विहार के एसडीएम को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपते हुए तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले चपरासी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी चपरासी की पहचान विकास के रूप में हुई है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता औ स्कूलों के लिए सरकार नये सिरे से गाइडलाइंस जारी करेगी।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है और दिल्ली सरकार ने भी मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसके साथ ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर सभी स्कूलों के लिए प्रोटोकॉल बनाया जाएगा। दिल्ली के रेवेन्यू मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने भी ट्वीट कर बताया कि एसडीएम को इस मामले की तीन दिन में जांच पूरी करनी होगी। सरकार ने बेहद कड़ा रूख अपनाते हुए संकेत दिए हैं कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। लापरवाही बरतने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूल मैनेजमेंट को बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी।

गुड़गांव के प्राइवेट स्कूल में बच्चे की हत्या के बाद दिल्ली के स्कूल में बच्ची से दुष्कर्म की घटना ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक सोमवार को डिप्टी सीएम और एजुकेशन मिनिस्टर मनीष सिसोदिया शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग कर सकते हैं और उस मीटिंग में स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए बनी गाइडलाइंस को रिव्यू किया जाएगा।

सीएम केजरीवाल ने भी ट्वीट किया है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों के लिए प्रोटोकॉल बनाया जाएगा और सरकार नए सिरे से गाइडलाइंस जारी करेगी। सुरक्षा उपायों को लेकर ढिलाई बरतने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग इस मसले पर स्कूलों से रिपोर्ट भी मांग सकता है और पता लगाया जाएगा कि स्कूलों में सुरक्षा उपायों को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है।

इन घटनाओं के बाद पैरंट्स भी बेहद गुस्से में है। पैरंट्स भी अब सामने आ रहे हैं और स्कूलों में खामियों के बारे में बता रहे हैं। पैरंट्स असोसिएशंस ने केंद्र और राज्य सरकारों से मांग भी की है कि स्कूलों में टीमें भेजकर पता लगाया जाए कि वहां पर सरकार की गाइडलाइंस का कितना पालन किया जा रहा है। पैरंट्स सवाल उठा रहे है कि स्कूल बिना ठोस जांच के कैसे किसी को भी नौकरी पर रख सकते हैं। पुलिस वेरिफिकेशन के नियम का पूरी तरह से पालन क्यों नहीं किया जाता है।

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