रिजर्व बैंक के गवर्नर पटेल ने अमेरिक मंे डोनाल्ड ट्रंप सरकार के संरक्षणवाद की ओर बढ़ने पर चिंता व्यक्त की। पटेल ने कहा, मुझे लगता है कि यह दुनिया के लिए चिंता का विषय है। उभरते बाजारों के लिए वित्तीय

अस्थिरता की दृष्टि से चिंता का विषय है। मुझे नहीं लगता कि इससे कोई भी बचेगा। हमें इसी के साथ चलना होगा।

विश्व की बदलती व्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें से कुछ बातें ऐसी हैं जो भारत के नियंत्रण में है जैसे वृहद आर्थिक स्थिरताक के नियमों पर चलना। पटेल ने कहा, मेरे हिसाब से हम इस मामल में सही जगह है।

उन्होंने कहा, हमारे पास ऐसा बजट है जिसमें राजकोषीय घाटा कम किया गया है। हमारे पास एक केंद्रीय बैंक है जिसको मुद्रास्फीति के एक लचीले लक्ष्य को साधन का काम दिया गया। हमारे पास 360 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है और हमारे पास चालू खाता घाटा है जो लगातार नरम हो रहा है। तो हमें वृहद आर्थिक स्थिरता के लिए इन खास चीजों का विशेष ख्याल रखना है और क्यों कि यही बाते हूं बाहरी दुनिया की आरे से उठने वाले कुछ संकटों के समय हमें अपने पावों पर टिके रहने में मदद करेेंगी।

ट्रंप के संरक्षणवाद पर पटेल ने कहा कि हमने अपनी अर्थव्यवस्था के द्वार 1990 के दशक में खोले थे और उन्हें नहीं लगता कि हमें किसी भी कारण से बदलना चाहिए क्योंकि हमें इस खुली अर्थव्यवस्था से फायदा हुआ है। उनका मानना है कि भारत को अपनी खुलेपन की नीति को बहुपक्षीय व्यवस्था के रास्ते से आगे बढाना सही रहे।

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