रश्दी की किताब पर कांग्रेस चिदंबरम के खिलाफ

नई दिल्ली

बुकर विजेता लेखक सलमान रश्दी की किताब पर पी. चिदंबरम के बयान पर विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस ने मामले से किनारा कर लिया है। गौरतलब है कि यूपीए कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने हाल ही में बयान दिया था कि राजीव गांधी सरकार द्वारा सलमान रश्दी की विवादित किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ को बैन किया जाना गलत था। इस पर काफी बवाल हुआ।

अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ यादव ने सोमवार को कहा कि चिदंबरम ने जो कुछ भी कहा, वह उनका व्यक्तिगत मत है। यादव ने कहा, ‘किसी एक व्यक्ति के बयान से पूरी पार्टी के रुख का निर्धारण करने का सवाल ही नहीं उठता। कांग्रेस का स्टैंड क्लियर है। आज देश जिस चीज का सामना कर रहा है, वह सद्भाव पर हमला है।’ संसदीय कार्य मंत्री रह चुके यादव ने स्पष्ट तौर पर कहा, ‘यह चिदंबरम का व्यक्तिगत मत है।’

शनिवार को दिल्ली में आयोजित ‘टाइम्स लिटफेस्ट’ में चिदंबरम ने कहा था, ‘मुझे यह कहने में थोड़ा भी संकोच नहीं हो रहा है कि सलमान रश्दी की किताब पर बैन लाना एक गलती थी।’ चिदंबरम द्वारा यह बयान दिए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने उनका बचाव किया था। मनीष ने कहा था कि अगर 27 साल पहले कुछ गलत हुआ था और चिदंबरम इसे स्वीकार कर रहे हैं तो इसका सही भावना से स्वागत किया जाना चाहिए।

हालांकि, इस बयान पर पार्टी में ही चिदंबरम का विरोध भी हुआ था। कांग्रेस नेता हंसराज भारद्वाज ने कहा कि राजीव गांधी सरकार ने जो भी किया था, वह सही था और उन्हें उस पर गर्व है। भारद्वाज ने चिदंबरम को ‘छोटा नेता’ करार देते हुए कहा था कि चिदंबरम उस समय छोटे नेता थे। अक्टूबर, 1988 में जब राजीव गांधी सरकार ने रश्दी की किताब पर बैन लगाया था, तब चिदंबरम गृह राज्यमंत्री थे।

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