यूपी में नहीं खुलेंगे अवैध स्लॉटरहाउस, देश कानून से चलेगा आस्था से नहींः हाई कोर्ट

इलाहाबाद
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बकरीद के अवसर पर जानवरों के वध की छूट देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है। इस याचिका पर जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिका में कहा गया था कि, कौशाम्बी के जिलाधिकारी ने बकरीद पर स्लॉटरहाउस में वध करने की अनुमति नहीं दी थी।

कोर्ट ने टिप्पणी की कि देश संविधान व कानून से चलेगा किसी की आस्था से नहीं। आस्था के नाम पर पशुवध की मांग नहीं की जा सकती। मालूम हो कि पशुवध का दुकानदारों को सरकार ने लाइसेंस दिया है और अवैध पशुवध पर रोक लगा दी गई है। कानून के तहत छोटे जानवर 20 की संख्या में और बकरे आदि बड़े जानवर 10 की संख्या में काटे जा सकते हैं। बड़े जानवरों को सरकारी स्लॉटरहाउस में ही काटे जाने की छूट है।

याचिका में मांग की गई थी कि सिर्फ 3 दिन के लिए बड़े पशुओं की कटाई की अनुमति दी जाए। प्रदेश सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि बंद किए गए स्लॉटरहाउस बकरीद में नहीं खोले जाएंगे। याचिका कौशांबी के मदरसा जामिया इमाम उल उलूम के मोहम्मद इमरान ने दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि खुले में पशुओं की कटाई से लोगों में बकरीद को लेकर गलत संदेश जाने की आशंका है। मदरसा बकरीद के मौके पर गरीब जनता को जानवरों का मीट वितरित करता है, जिससे लोग त्योहार मना सकें। क्योंकि हर व्यक्ति के लिए बकरा या दूसरा जानवर खरीदकर कुर्बानी देना नामुमकिन है।

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