मोदी के ट्वीट मरहम का इंतजार

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वाराणसी। देश के प्रधानमंत्री के साथ बनारस के सांसद नरेंद्र मोदी दुनियाभर में घटने वाली घटनाओं को लेकर ट्वीट करने में कितने उस्ताद हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। काशी में साधु संतों की बर्बर पिटाई के 72 घंटे बाद भी उनके दो शब्द ट्वीट पर नहीं दिखे। साधु-संतों का कहना है मक्का में भगदड़ पर दुख जाहिर करने में आगे दिखने वाले मोदी को साधुओं का जख्म नहीं दिख रहा है। इस घटना की टीस भगवा ब्रिगेड की जुबान से चाय-पान की दुकानों पर होने वाली चर्चा में भी साफ छलक रहा है। हिंदुओं की लड़ाई लड़ने के नाम पर सत्ता के शीर्ष पर पहुंची पार्टी के बड़े नेता भी घाव पर मरहम लगाने में पीछे रहे हैं। शायद यही कारण रहा कि स्वामी अविमुक्तेस्वरानंद ने बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष से यह पूछने में संकोच नहीं किया क्या इस लाठी के पीछे बीजेपी और एसपी की सांठगांठ है? उन्होंने भले इसको खारिज कर दिया, लेकिन काशीवासियों के दिल में सुलग रहा गुस्सा नहीं खारिज किया जा सकता है।

संतों की मांग सीएम मांगे लिखित माफी

गंगा में गणेश विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सीएम अखिलेश यादव से मामले में लिखित रूप से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा घटना में कई भक्त घायल हो गए थे। पुलिस ने बेगुनाह लोगों पर निर्दयता से लाठी बरसाई। इसके लिए सीएम अखिलेश को माफी मांगनी चाहिए। इधर इस घटना को लेकर साधु-संतों के साथ वीएचपी का विरोध जारी है।

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