मेरी हार के लिए FBI और रूस भी जिम्मेदार: हिलरी क्लिंटन

न्यू यॉर्क
हिलरी क्लिंटन ने साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि इसके लिए महिलाओं के प्रति द्वेष, रूसी हस्तक्षेप और FBI की भूमिका की वजह से लिए गए संदेहास्पद निर्णयों का भी हाथ रहा। राष्ट्रपति पद की पूर्व डेमोक्रैटिक उम्मीदवार ने यहां न्यू यॉर्क में आयोजित एक इवेंट में कई बातें बताईं। उन्होंने कहा कि 2016 के चुनाव पर किताब लिखते हुए वह एक ‘दर्दनाक’ प्रोसेस से गुजर रही हैं।

इवेंट में हुए सवाल-जवाब के एक सेशन में चुनाव को लेकर उन्होंने कहा, ‘ऐसा कुछ नहीं है कि यह एक संपूर्ण कैंपेन नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘जिम कॉमे (FBI के डायरेक्टर) और रूसी विकीलीक्स के मेल से पहले 28 अक्टूबर तक मैं जीत के रास्ते पर थी। इन्होंने उन लोगों के दिमाग में शक पैदा कर दिया जो मुझे वोट देने वाले थे।’ हिलरी ने याद दिलाया कि उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप के मुकाबले 30 लाख वोट हासिल किए थे। लेकिन बाद में इलेक्टोरल वोटिंग में ट्रंप जीत गए। हिलरी ने कहा, ‘अगर 27 अक्टूबर को चुनाव होता तो मैं आपकी राष्ट्रपति होती।’

हिलरी ने कैंपेन से संबंधित अंदरूनी ईमेल्स की हैकिंग में रूस की भूमिका और विकीलीक्स पर उनके एक के बाद एक रिलीज होने की टाइमिंग का भी उल्लेख किया। बता दें कि अमेरिका की खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच कर रही है कि क्या चुनाव के दौरान रूस का ट्रंप के सहायकों से कोई कनेक्शन था या नहीं। हालांकि रूस ने इस आरोप से इनकार किया है। हिलरी ने कहा, ‘निश्चित रूप से उन्होंने (व्लादिमीर पुतिन) हमारे चुनाव में हस्तक्षेप किया। और यह साफ है कि ऐसा उन्होंने मुझे तकलीफ और मेरे विरोधी को मदद पहुंचाने के लिए किया।’

जब उनसे (चुनाव के संदर्भ में) पूछा गया कि क्या वह महिलाओं के प्रति द्वेष का भी शिकार हुईं तो उन्होंने कहा, ‘हां, मुझे लगता है कि इसने एक भूमिका निभाई।’ उन्होंने कहा कि ‘राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर महिलाओं से भेदभाव’ किया जाता है। ऐसा कहा जाता रहा है कि राष्ट्रपति पद के दो चुनाव हारने के बाद हिलरी का राजनीति में वापस आना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘मैं अब एक नागरिक कार्यकर्ता के रूप में वापस आ गई हूं।’

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