मुलायम ने 11 वकीलों के साथ लड़ा केस, फिर भी बेटे से क्यों हार गए साइकिल की लड़ाई; अमर सिंह से कहां हो गई चूक?

नई दिल्ली.  24 साल पहले मुलायम सिंह यादव ने जो समाजवादी पार्टी बनाई थी, उस पर दावा जताने का सबसे बड़ा टेस्ट वे अपने ही बेटे से हार गए। इलेक्शन कमीशन के सोमवार को आए फैसले के बाद सपा और साइकिल, दोनाें ही अखिलेश को मिली। दरअसल, इलेक्शन कमीशन के 42 पेज के फैसले पर गौर करने पर पता चलता है कि 11 वकीलों का साथ होने के बावजूद मुलायम कैसे केस हार गए और अखिलेश गुट ने 4700 नेताओं का सपोर्ट होने के डेढ़ लाख डॉक्युमेंट्स पेश कर कैसे अपना केस लड़ा? मुलायम के अलावा उनके किसी भी करीबी ने अपने नेता के सपोर्ट में हलफनामा दायर नहीं किया। वहीं, अमर सिंह के लेटर में भी गलती पाई गई। Q&A में जानिए इस फैसले के मायने…   1. कितने डॉक्युमेंट्स लेकर पहुंचे थे रामगोपाल? – अखिलेश के सपोर्ट में रामगोपाल डेढ़ लाख डॉक्युमेंट्स लेकर चुनाव आयोग पहुंचे थे। – अखिलेश गुट की तरफ से कहा गया कि रामगोपाल को पार्टी में बहाल करने के बाद अधिवेशन बुलाया गया था। अखिलेश के साथ 90% विधायक थे, जबकि मुलायम गुट के साथ काफी कम विधायक थे।   2. अखिलेश के सपोर्ट में कितने नेता थे? – रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को यह…

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