मुख्य सचिव ने पुलिस में की शिकायत, लिखित में बताया कल रात का पूरा किस्सा

नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों द्वारा कथित मारपीट की शिकायत लेकर दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पुलिस के पास पहुंचे हैं। उन्होंने मामले को समझाते हुए लिखित में शिकायत दर्ज करवाई है। अंशु प्रकाश की शिकायत के मुताबिक, रात 12 बजे मीटिंग में आने के लिए उनपर दबाव डाला गया था और वहां उनको अपशब्द बोले गए और मारपीट भी की गई। अंशु के मुताबिक, एक विधायक ने उनको अपशब्द कहे और कहा कहा कि वह उनको कमरे से बाहर निकलने नहीं देगा और जातिसूचक शब्द कहने का आरोप लगा देगा। अंशु ने आप विधायक अमानतुल्ला खान पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए लिखा कि कमरे में मौजूद किसी भी शख्स ने उनको बचाने की कोशिश नहीं की।

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शिकायत में क्या लिखा है
अंशु की शिकायत के मुताबिक, उन्हें रात में 12 बजे सीएम हाउस आने के लिए केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन ने कहा था। शिकायत के मुताबिक, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी उनको आने के लिए कहा था। अंशु ने लिखा है कि उन्होंने कहा भी कि मीटिंग अगले दिन सुबह हो सकती है, लेकिन फिर भी उन्हें रात में ही आने को कहा गया और बार-बार फोन करके यह भी पक्का किया गया कि वह आएंगे या नहीं।

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अंशु के मुताबिक, उन्हें आप सरकार के तीन साल पूरे होने पर जो एक विज्ञापन जारी होना था उस सिलसिले में बात करने के लिए बुलाया गया था। अंशु जब केजरीवाल के घर पहुंचे तो वहां केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के अलावा करीब 11 और लोग मौजूद थे, जिन्हें केजरीवाल आप विधायक बता रहे थे।

केजरीवाल ने अंशु से कहा कि वह उन विधायकों को बताएं कि विज्ञापन को क्यों पास नहीं किया जा रहा। इसपर जब अंशु उन्हें समझाने लगे तो एक विधायक उनपर चिल्लाने लगा और गालियां देने लगा। शिकायत के मुताबिक, उसने अंशु से कहा कि वह उन्हें कमरे से निकलने नहीं देगा और जातिसूचक शब्द कहने का आरोप लगा देगा। इसके बाद अंशु के पास बैठे विधायक अमानतुल्ला खान ने उनपर हाथ उठा दिया था।

शिकायत में लिखा है, ‘विधायक अमानतुल्ला खान और मेरी दूसरी तरफ बैठे विधायक ने अचानक से मुझे पीटना शुरू कर दिया। मेरे मुंह पर लगे हाथ से मेरा चश्मा जाकर जमीन पर गिर गया। मैं हैरान रह गया था। बड़ी मुश्किल से मैं उस कमरे से निकल पाया और अपनी गाड़ी तक पहुंचा।’ अंशु के मुताबिक, उन्हें जान से मारने की भी धमकी दी गई थी। लिखा गया है कि कमरे में मौजूद किसी भी शख्स ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की।

आप सरकार निशाने पर
इस मामले पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी द्वारा आप सरकार को घेरा जा रहा है। कांग्रेस की सीनियर नेता शीला दीक्षित ने कहा कि यह काफी गलत है और सीएम की मौजूदगी में ऐसा होना इसे और बुरा बनाता है। सीएम खुद एक प्रशासनिक कर्मचारी हैं, अगर उनके साथ ऐसा होता तो?

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