मिलें, 10वीं पास करने वाली पहली मुसहर लड़की से

वाराणसी
यूपी बोर्ड की 10वीं क्लास की परीक्षा में पास होकर मुसहर समुदाय की छात्रा रेखा ने एक रेकॉर्ड बना दिया है। उस इलाके में करीब 2.5 लाख मुसहर समुदाय के लोगों के बीच वह पहली लड़की बन गई है, जिसने दसवीं क्लास पास की है। जब फोन पर दूसरी तरफ से उसको बताया गया कि वह पास हो गई है तो रेखा की आंखों से आंसू निकल पड़े। रेखा प्रधानमंत्री नरेंद्र के लोकसभा क्षेत्र वाराणासी के हरहुआ ब्लॉक के अयार ग्राम पंचायत की मुसहर बस्ती की रहने वाली है।

रेखा ने रिजल्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। मैं अपने रिजल्ट को लेकर बहुत चिंतित थी। कल मैं रिजल्ट के बारे में सोचकर टेंशन में रोने लगी थी।’ आगे पढ़ने की इच्छा प्रकट करते हुए उसने कहा कि वह शिक्षक बनना चाहती है। उसने कहा, ‘हालांकि अपने समुदाय और स्थानीय लोगों के लिए काम करने का विचार भी बहुत अच्छा है, लेकिन मैं शिक्षक बनना चाहूंगी।’

रेखा के पिता अंगल के चेहरे पर मुस्कान तो थी लेकिन वह समझ नहीं पा रहे थे कि उनकी बेटी की उपलब्धि कितनी बड़ी है। उन्होंने कहा, ‘हां, मैं खुश हूं। हमारे आसपास के सभी लोग खुश हैं, इसलिए मैं भी खुश हूं।’

रेखा के पिता ने बताया कि उनके समय स्थिति बहुत अलग थी। उस समय सामाजिक भेदभाव चरम पर था। अंगल ने बताया, ‘स्थिति में बहुत बदलाव हुआ है और स्थिति बेहतर हो रही है।’

रेखा ने 63 फीसदी के करीब मार्क्स हासिल किया है। उसने कहा, ‘मेरी राइटिंग भद्दी है। मुझे लगता है कि राइटिंग के कारण भी मेरे कुछ मार्क्स कट गए हैं।’

रेखा के पिता अंगल एक दिहाड़ी मजदूर हैं और उनके पांच बच्चे हैं। वह अपनी बड़ी बेटी की पढ़ाई के खर्च को लेकर चिंतित तो हैं लेकिन उन्होंने बेटी को आगे पढ़ाने का पक्का इरादा कर रखा है।

उन्होंने बताया, ‘मैंने सुना है कि अब ज्यादा खर्च होगा। नई किताब-कॉपी खरीदनी होगी। मेरे बड़े बेटे ने पांचवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी लेकिन रेखा आगे पढ़ना चाहती है तो ठीक है। मैं किसी भी तरह उसकी पढ़ाई के खर्च का बंदोबस्त करूंगा।’

जहां आसपास के लोग रेखा की सफलता पर खुश थे वहीं उनकी मां लकड़ी चुनने गई थी। रेखा ने बताया, ‘मैंने उनको कहा था कि आज मेरा रिजल्ट आएगा इसलिए घर पर रहो। इसपर उन्होंने कहा कि खाना भी तो बनाना है।’

मुसहर समुदाय बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति में आता है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में इस समुदाय की जनसंख्या 2.5 लाख के करीब है, जिनमें से 1.23 लाख महिलाएं है। जनगणना के मुताबिक, इस समुदाय के कुल 49,287 लोग साक्षर हैं जबकि 2,07,848 अनपढ़ हैं। यह समुदाय पिछड़ा और सामाजिक रूप से हाशिये पर है। मुसहर समुदाय के लोग आमतौर पर कारखानों में मजदूर के तौर पर काम करते हैं और बड़ी आबादी अब भी दिहाड़ी मजदूर और खेतों में काम करने वाली है। इस क्षेत्र की मुसहर समुदाय की महिलाएं महुआ की पत्तियों से दोना बनाती हैं। इस समुदाय के कुछ लोग चूहे को पकड़ने का काम भी करते हैं। अयार ग्राम पंचायत में 200 लोगों में से 45 लोग चूहा पकड़ने का काम करते हैं।

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