मध्यावधि आर्थिक समीक्षा 18 दिसंबर को पेश करेगी सरकार

नई दिल्ली

सरकार मध्यावधि आर्थिक समीक्षा 18 दिसंबर को संसद में पेश करेगी जिसमें वह चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर अनुमान को घटा सकती है। बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा में अनुमान जताया गया था कि चालू वित्त वर्ष के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर 8.1-8.5 प्रतिशत रहेगी।

पारंपरिक तौर पर पेश की जाने वाली मध्यावधि आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष की पहली छमाही के अंत तक की प्राप्ति एंव व्यय के रुझान की समीक्षा की जाती है। इसके अलावा यह वृहद्-आर्थिक हालात, कुछ क्षेत्रों के परिदृश्य तथा चुनौती और वृद्धि परिदृश्य का भी ब्योरा होता है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा, ‘समीक्षा पेश करने की अनुमानित तारीख 18 दिसंबर है।’ वित्त मंत्रालय में सुब्रमण्यम का दल समीक्षा का मसौदा तैयार कर रहा है। उन्होंने, हालांकि, यह नहीं बताया कि समीक्षा में वृद्धि दर अनुमान क्या होगा। समीक्षा 23 दिसंबर को समाप्त हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले पेश की जानी है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

सूत्रों के मुताबिक मध्यावधि आर्थिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान घटारक आठ प्रतिशत से नीचे किया जाएगा। पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही जो वित्त वर्ष 2014-15 की इसी अवधि में 7.5 प्रतिशत थी।

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