मंदिर-मजारों के फूलों से इत्र बनवाएगी केंद्र सरकार

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कानपुर: दिल्ली और वाराणसी के मंदिरों व दरगाहों में चढ़ाए गए फूलों से बना इत्र अब आपको प्रसाद के तौर पर मिल सकता है। वाराणसी और दिल्ली के 2 मंदिरों के लिए ऐसा प्रॉजेक्ट बनाकर पीएमओ भेजा जा चुका है। एमएसएमई राज्य मंत्री गिरिराज सिंह के अनुसार इत्र के बाद बचे मटीरियल को रिसाइकल कर गैस, खाद या अगरबत्ती बनाई जाएगी। यह क्लीन इंडिया मिशन की ओर एक और कदम होगा। साथ ही श्रद्धा से चढ़ाए गए फूल कचरे में भी नहीं जाएंगे।

बेकार जाते हैं फूल: मंदिरों और मजारों में चढ़ाने के बाद कचरे में जा रहे फूलों के लिए फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर डिवेलपमेंट सेंटर (एफएफडीसी), कन्नौज ने प्रपोजल तैयार किया है। इसके अनुसार वाराणसी के 2 दर्जन छोटे-बड़े मंदिरों से रोजाना 5 टन फूल-पत्तियां गंगा में फेंकी जाती हैं। एक टन फूलों को प्रॉसेस करने के लिए 5-7 लाख रुपये खर्चकर इत्र निकालने का डिस्टिलेशन प्लांट लग सकता है। डायरेक्टर शक्ति विनय शुक्ला के अनुसार मंदिर मैनेजमेंट खुद या आंत्रप्रेन्योर इसमें आगे आ सकते हैं।

और भी होगा इस्तेमाल

-इत्र निकलने के बाद बचा हुआ मटीरियल बायो-गैस प्लांट में यूज होगा। गैस से घाट पर बिजली का इंतजाम किया जा सकता है। अगरबत्ती, धूपबत्ती और हवन सामग्री भी बन सकती है

– गैस प्लांट का बचा मटीरियल खेतों में जैविक खाद का काम कर सकता है

जल्द होगा काम शुरू

राज्य मंत्री गिरिराज सिंह के अनुसार पूरे देश में धार्मिक स्थलों से रोजाना टनों फूल कचरे में जाते हैं। फूलों से इत्र बनवाकर इन्हें देवता के प्रसाद के रूप में बंटवाया जा सकता है। वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर के अलावा दिल्ली के कालकाजी मंदिर प्रबंधन से बात की जा रही है। काम जल्द शुरू होगा। यह स्वच्छता का प्रतीक होगा।

जरूरतें अलग-अलग

प्रपोजल के अनुसार, सेकंड फेज में बदरीनाथ धाम समेत कई और धार्मिक स्थलों में स्टडी कराई जाएगी, क्योंकि हर जगह अलग-अलग किस्म की फूल-पत्तियां चढ़ती हैं। हर जगह के लिए अलग प्लान बनेगा। बिजनेस मॉडल में मंदिर मैनेजमेंट खुद या आंत्रप्रेन्योर इत्र या बाकी चीजों को बेच भी सकते हैं। क्वॉलिटी कंट्रोल एफएफडीसी के पास होगा। इससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे। हर मंदिर-मजार का इत्र वहीं बिकेगा। बीते दिनों सीएम अखिलेश यादव ने भी कानपुर की स्टार्टअप कंपनी को विश्वनाथ मंदिर के फूलों पर स्टडी के लिए कहा है।

कोट

यह आम के आम गुठलियों के दाम जैसा सौदा है। प्रपोजल पीएमओ को भेजा जा चुका है।

– गिरिराज सिंह, एमएसएमई राज्य मंत्री

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