भारत में बॉटलिंग बिजनस 1 अरब डॉलर में बेचेगी कोका कोला

चैताली चक्रवर्ती और रत्ना भूषण, नई दिल्ली

कोका कोला कंपनी इंडिया में अच्छी-खासी पूंजी की जरूरत वाले अपने बॉटलिंग बिजनस को 1 अरब डॉलर में बेचने का प्लान कर रही है। कंपनी अपनी ग्लोबल पॉलिसी के हिसाब से इंडिया में भी ब्रैंड्स, मार्केटिंग और स्ट्रैटिजी पर फोकस करना चाहती है।

इकनॉमिक टाइम्स को यह जानकारी मामले से वाकिफ दो सूत्रों ने दी है। एक सूत्र ने बताया कि शुरुआती बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, ‘कोका कोला ने इन्वेस्टमेंट के लिए बड़े औद्योगिक घरानों से बात करने का प्लान बनाया है। डील में 12-18 महीनों का वक्त लग सकता है।’

हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेजेज (HCCB) के पास 24 प्लांट्स हैं। इंडिया में बेवरेजेज की बॉटलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का काम इसी के जिम्मे है। कंपनी के 13 फ्रैंचाइजी बॉटलर्स भी हैं जिनके पास कुल 24 प्लांट्स हैं। इंडिया में कोका कोला की कुल 65 पर्सेंट बॉटलिंग HCCB करती है।

ऐनालिस्ट्स का कहना है कि बॉटलिंग बिजनस को एक यूनिट के अंदर लाने से कंपनी की कामकाजी क्षमता बेहतर होगी, कॉस्ट घटेगी और सप्लाइ चेन से जुड़े फायदे मिलेंगे। कोका कोला इंडिया सभी बॉटलर्स को कंसंट्रेट मुहैया कराती है और उनकी मार्केटिंग, स्ट्रैटिजी और रिसर्च एंड डिवेलपमेंट का काम देखती है। इंडिया में बिकने वाले कंपनी के ब्रैंड्स में कोक, स्प्राइट, मिनट मेड जूस और किनले वॉटर हैं।

बॉटलिंग बिजनस बेचने का कंपनी का प्लान उसकी स्ट्रैटिजी के उलट है, जो कोका कोला ने 17 साल दूर रहने के बाद 1993 में इंडिया लौटने के बाद अपनाई थी। इंडिया में दोबारा एंट्री करने के बाद कोका कोला ने रमेश चौहान के पारले बेवरेज बिजनस को खरीदा था। पारले के पास थम्सअप, लिम्का, सिट्रा और गोल्ड स्पॉट जैसे ब्रैंड्स थे।

इससे कोका कोला को इंडिया में बॉटलिंग, डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर और 60 पर्सेंट मार्केट शेयर हासिल हो गया। इसके अलावा कंपनी को पारले के 55 बॉटलर्स फ्रैंचाइजी के तौर पर मिले थे। उसके बाद कंपनी ने फ्रैंचाइजी बॉटलर्स का बिजनस खरीदने का प्रोसेस शुरू किया। कुछ ने कंपनी के इस कदम का विरोध किया था।

कोका कोला के स्पोक्सपर्सन ने शनिवार को कहा कि कंपनी अफवाहों पर कॉमेंट नहीं करती। उन्होंने कहा कि जो पॉलिसी किसी एक देश में अपनाई गई है, जरूरी नहीं कि उसको दुनियाभर में अपनाया जाए।

उन्होंने कहा, ‘हमने हाल में नॉर्थ अमेरिका और चीन में बॉटलिंग बिजनस की री-फ्रैंचाइजिंग में तेजी लाने का ऐलान किया है। यूरोप और अफ्रीका में भी ऐसी ही गतिविधियां चल रही हैं। ये पॉलिसी जगह के हिसाब से बनती हैं।’ री-फ्रैंचाइजिंग का मतलब कंपनी के प्लांट्स को फ्रैंचाइजी के हाथों बेचना या उनके साथ कुछ इलाकों के लिए बॉटलिंग एग्रीमेंट करना होता है।

कोका कोला के चीफ एग्जिक्युटिव एम केंट ने 9 फरवरी को चौथे क्वॉर्टर की अर्निंग कॉल में कहा था, ‘हम री-फ्रैंचाइजिंग के अपने प्लान की रफ्तार और साइज बढ़ाने के काम में तेजी ला रहे हैं।’ उन्होंने नॉर्थ अमेरिका में प्रोसेस 2017 अंत तक पूरा होने की उम्मीद जताई।

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