भारत, अमेरिका और जापान के मालाबार युद्धाभ्यास पर चीन की नजर

गुआम
भारत, अमेरिका और जापान के बीच वार्षिक नौसैनिक अभ्यास ‘मालाबार’ इस बार गुआम द्वीप में हो रहा है। जानकारों के मुताबिक यह युद्धाभ्यास चीन के लिए चुनौती भी है इसलिए चीन इसपर कड़ी नजर रख रहा है। पांच सागर और दो महासागरों से होकर गुजरने के दौरान चीन की नौसेना भी कुछ समय के लिए भारतीय वॉरशिप्स के साथ रही। दक्षिण चीन सागर में चीनी नौसेना इस अभ्यास पर नजर रख रही थी। प्रशांत महासागर में प्रवेश करते ही चीन की नौसेना पीछे लौट गई।

चीन का दावा है कि दक्षिण चीन सागर उसकी सीमा में है। वह तीन देशों के इस नौसैनिक अभ्यास पर भी जासूसी पोतों द्वारा नजर रख रहा है। मालाबार में भारत का नेतृत्व करने वाले ईस्टर्न फ्लीट कमांडर रियर ऐडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा, ‘हमारे बीच साधारण बातें हुईं। वे कुछ समय के लिए साथ थे और फिर चले गए। हम जैसे ही फिलीपीन्स सागर में पहुंचे, वे वापस चले गए। यह काफी रोचक था।’

एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि साउथ चाइना सी में ऐसा होना आश्चर्यजनक नहीं है। इस साल पनडुब्बियों से युद्ध करने के अभ्यास पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। हिंद महासागर में चीन लगातार अपनी पनडुब्बियां तैनात कर रहा है जो भारत के लिए चिंता का विषय है। एक सूत्र ने हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि इस साल हिंद महासागर में कोई चीनी पनडुब्बी नहीं पाई गई लेकिन पिछले साल तक चीनी नौसेना की पनडुब्बियां यहां अकसर नजर आ जाती थीं।

अगले कुछ दिनों तक तीनों नौसेनाएं आपस में क्रू बदलकर कई तरह से अभ्यास करेंगी। इस दौरान एयर डिफेंस का भी अभ्यास होगा। 1992 में भारत और अमेरिका के बीच यह युद्धाभ्यास शुरू हुआ था। 2016 में जापान भी इसका स्थाई सदस्य बना। इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को भी शामिल करने की बात चल रही है।

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