भविष्य में टीचिंग सेक्टर में वापस लौटना चाहूंगा: राजन

नई दिल्ली

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने कार्यकाल के विस्तार की अटकलों पर कोई टिप्पणी करने से मना किया है और कहा है कि उनका वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी दीर्घकालिक इच्छा फिर से शिक्षण क्षेत्र में जाने की है।

राजन ने कहा, ‘मेरी दीर्घकालिक इच्छा पढ़ने-पढ़ाने, रिसर्च और चिंतन के लिए एजुकेशन सेक्टर में जाने की है।’ विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बोलने के लिए जाने जाने वाले राजन ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों में सरकार के हस्तक्षेप को समाप्त करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी की। सेवा विस्तार के बारे में बातचीत से इनकार करते हुए राजन ने कहा, ‘मैं न तो इसकी पुष्टि कर सकता और न ही इससे इनकार। जैसा कि वित्त मंत्री ने कहा है कि घोषणा का इंतजार कीजिए। मेरा कार्यकाल 4 सितंबर को समाप्त हो रहा है। उस समय तक घोषणा हो जाएगी।’ बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी के इस बयान पर कि वह (राजन) मानसिक रूप से पूरी तरह भारतीय नहीं है, राजन ने कहा, ‘कुछ आरोप हैं, जो बुनियादी रूप से गलत और आधारहीन हैं, उनका जवाब देना उन्हें भाव देना होगा।’

वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि गवर्नर रघुराम राजन भारतीय हैं और उनके पास भारत का ही पासपोर्ट है। इसमें कहा गया है कि राजन के पहले की नागरिकता के बारे में कोई जानकारी नहीं है। आरटीआई दाखिल करने के 3 साल बाद मिले जवाब में कहा गया है कि आरबीआई गवर्नर की नागरिकता भारत की है और इसमें कोई दो राय नहीं है। दिल्ली के आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने यह आरटीआई फाइल की थी।

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