बैंक धोखाधड़ी: ईडी ने चेन्नै की कंपनी की 115 करोड़ रुपये की जमीन कुर्क की

नई दिल्ली
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को बैंक धोखाधड़ी मामले में मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में चेन्नै की एक कंपनी की 115 करोड़ रुपये की जमीन कुर्क की है। एजेंसी ने कहा कि उसने चेन्नै के ग्विंडी में वीजीएन डेवलपर्स प्राइवेट लि. की 10.46 एकड़ जमीन को मनी लॉन्ड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश जारी किया है।

कंपनी ने यह जमीन केंद्र सरकार के उपक्रम हिंदुस्तान टेलिप्रिंटर्स लिमिटेड (एचटीएल) से 2013 में खरीदी थी। ईडी ने कहा कि उसने सीबीआई की एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए इस कथित धोखाधड़ी मामले की जांच की है। ईडी ने बयान में कहा कि सीबीआई ने वीजीएन डेवलपर्स प्राइवेट लि. द्वारा गलत तरीके से किए गए काम से भारत सरकार को 115 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह नुकसान भारतीय स्टेट बैंक की चेन्नै में दबाव वाली संपत्ति प्रबंधन शाखा से ग्विंडी में 10.46 एकड़ खाली जमीन की खरीद सौदे में हुआ।

यह सौदा एचटीएल से बकाये की वसूली के लिए सरफेईसी कानून के तहत एक निजी बिक्री समझौते के जरिए किया गया। ईडी के मुताबिक सीबीआई की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कंपनी और खरीदार प्रतिनिधियों के बीच आपस में साठगांठ हो गई और 387 करोड़ रुपये मूल्य की कीमती जमीन को 272 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। इससे सरकार को 115 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जबकि इस गलत कार्य का लाभ दोनों पक्षों को हुआ।

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