बैंक अपने कारोबार की स्थिति दुरुस्त करें: जेटली

नई दिल्ली
बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) ‘अस्वीकार्य’ स्तर पर पहुंचने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से अपने कारोबार की स्थिति जल्द से जल्द दुरुस्त करने को कहा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इरादतन कर्ज नहीं चुकाने वालों से निपटने का बैंकों के पास पूरा अधिकार है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक में वित्त मंत्री ने रिजर्व बैंक द्वारा सितंबर में नीतिगत दरों में कटौती के मद्देनजर ब्याज दरों की भी समीक्षा की। छह माह में बैंकों की दूसरी तिमाही समीक्षा के दौरान बैंकों के एनपीए को कम करने के लिए संस्थागत उपायों पर भी विचार-विमर्श किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ग्रॉस नन-परफॉर्मिंग असेट्स जून अंत तक बढ़कर 6.03 प्रतिशत हो गईं, जो इस साल मार्च तक 5.20 प्रतिशत पर थीं।

जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ”जब हम उन क्षेत्रों की बात करते हैं जहां एनपीए काफी उंचा है, तब कुछ खास डिफॉल्टर जो कि विभिन्न बैंकों से जुड़े हैं चर्चा के केंद्र में आते हैं।” वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों के पास डिफाल्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरा अधिकार और स्वायत्तता है। उन्होंने बैंकरों से एनपीए के पुराने दाग से मुक्ति पाने तथा अपने बही खाते को जल्द से जल्द स्वच्छ करने को कहा।

बैठक में परिसंपत्ति की गुणवत्ता पर विस्तार से चर्चा हुई। बैंकों ने संपत्ति की गुणवत्ता सुधारने और गैर ब्याज आय के जरिए मुनाफा कमाने के उपायों पर विस्तार से बताया। बैठक में नीतिगत दरों में कटौती के लाभ पर चर्चा हुई। बैंक प्रमुखों ने कहा कि उन्होंने रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती के बाद अपनी आधार दर में कमी की है। इस साल जनवरी के बाद से केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में 1.25 प्रतिशत की कटौती कर चुका है, जबकि बैंकों ने इस कटौती का समूचा लाभ उपभोक्ताओं तक स्थानांतरित नहीं किया है। इसके साथ ही ऋण वृद्धि में सुधार के कदमों पर भी विचार विमर्श हुआ।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना पर जेटली ने बैंकों से वितरण तेज करने को कहा। इस योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों चालू वित्त वर्ष में 70,000 करोड़ रुपये वितरित किए जाने की संभावना है। इंडियन बैंक्स असोसिएशन ने इस बारे में एक चरणबद्ध प्रचार योजना बनाई है जिससे पात्र उद्यमियों को इस योजना के बारे में पूरी जानकारी रहे और वे बैंकों से अपनी परियोजनाओं के साथ संपर्क कर सकें। कृषि ऋण के बारे में उन्होंने बैंकों से ऋण वितरण में 20 प्रतिशत तथा खातों में 15 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य हासिल करने को कहा।

जेटली ने बैंकों से कहा कि वे इस तरह के कर्ज में क्षेत्रीय स्तर की असमानता दूर करने का प्रयास करें। शिक्षा ऋण मामले में बैंकों द्वारा विद्या लक्ष्मी पोर्टल को ऐक्टिव करने में हुई प्रगति पर चर्चा हुई। यह अपनी तरह का एकल खिड़की वाला पहला पोर्टल है जहां छात्रों को शिक्षा ऋण के बारे में पूरी जानकारी मिलती है और वे शिक्षा ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। बैठक में आवास ऋण में 18.69 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि का उल्लेख करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्राथमिक क्षेत्र में आवासीय ऋण को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर भी बल दिया गया।

बैठक के दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मंझोले उपक्रम (एमएसएमई) सचिव अनूप पुजारी ने इस क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाया। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र को बैंकों द्वारा फंडिंग की भी चर्चा की। वहीं नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव ने बैठक में बैंकों की अगले पांच साल में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की फंडिंग की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया और इस बारे में बैंकों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।

इसी के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सचिव ने नामांकित फूड पार्कों को उचित दर पर कर्ज देने के लिए 2,000 करोड़ रुपये के स्पेशल फंड के इस्तेमाल के बारे में बताया। वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने सर्वश्रेष्ठ बैंक और सर्वश्रेष्ठ बैंक शाखा की श्रेणी के विजेताओं को ट्रोफी और प्रमाणपत्र वितरित किए। यह सम्मान प्रधानमंत्री जनधन योजना को सफल बनाने में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को दिया गया।

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