बीजेपी पार्षद सदन में बोले, ‘अफसरों को ठोकेगी पब्लिक’

नई दिल्ली
मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के बाद ईस्ट एमसीडी की पहली बैठक में तब अजब हालात बन गए, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक पार्षद ने भरे सदन में अफसरों को ठोकने का ऐलान कर दिया। सदन में बैठे अफसरों को कसमसाते देख मेयर को तुरंत दखल देते हुए अपनी पार्टी के पार्षद को मर्यादा में बोलने की नसीहत देनी पड़ी।

स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन प्रवेश शर्मा ने प्रॉपर्टी टैक्स में छूट का प्रस्ताव सदन में रखा। उनका कहना था, ‘थर्ड इवैल्यूएशन कमिटी की सिफारिशों के तहत प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए और डीएमसी ऐक्ट के तहत सदन ने ही छूट का प्रस्ताव पास किया था। इवैल्युएशन कमिटी की सिफारिशों को सिर्फ ईस्ट एमसीडी ने मंजूरी दी है जबकि नॉर्थ और साउथ ने इसे नहीं माना है। ऐसे में तीनों एमसीडी में टैक्स रेट अलग-अलग हो गए हैं, जो ठीक नहीं है। लिहाजा सदन ने जो छूट दी थी, उसी के तहत लोगों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाए और टैक्स जमा कर चुके लोगों को कोई नोटिस नहीं भेजा जाए।’

टैक्स रेट पर उठे सवाल
गीता कॉलोनी की पार्षद नीमा भगत ने कहा, ‘हमने जो प्रस्ताव पास किया था, उसे उपराज्यपाल के पास मंजूरी लिए भेजा गया और वह अब फाइल दिल्ली सरकार के पास लटकी है लेकिन डीएमसी ऐक्ट 177 के तहत सदन को टैक्स में छूट देने का अधिकार है। लिहाजा प्रॉपर्टी टैक्स में आम माफी की योजना 5 से 31 मार्च तक चलाई थी, उसके तहत लोगों ने जो टैक्स भरा है उसे मान लिया जाए। विपक्ष के पार्षद मनोज कुमार त्यागी ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स के रेट पुराने ही होने चाहिए और जब छूट जारी रहेगी तो लोग टैक्स भी भरेंगे।’

पार्षदों का कहना था कि इसी छूट की वजह से ही प्रॉपर्टी टैक्स इस बार 260 करोड़ रुपये पार कर गया जबकि पिछली बार सिर्फ 180 करोड़ रुपये ही आए थे। उनका कहना था कि ईस्ट दिल्ली में 15 लाख यूनिट हैं लेकिन टैक्स सिर्फ करीब 2.5 लाख से आता है। ऐसे में निगम के अफसरों को टैक्स के दायरे में ज्यादा-ज्यादा लोगों को लाने की कोशिश करनी चाहिए न कि उन लोगों पर ही बोझ लादना चाहिए, जो लगातार ईमानदारी से अपना टैक्स भर रहे हैं।

बीजेपी पार्षद की फिसली जुबान!
मीटिंग में उस वक्त माहौल गरमा गया, जब पांडव नगर के बीजेपी पार्षद गोविंद अग्रवाल ने कहा, ‘कमिश्नर साहब, आपने प्रॉपर्टी टैक्स से दोगुनी कमाई होने पर अपने अधिकारियों की पीठ ठोकी थी लेकिन अब टैक्स देने वालों को बढ़े हुए रेट के लिए नोटिस भेजा तो जनता आपके अफसरों को ठोकेगी और हम भी पब्लिक के साथ खड़े होंगे। अफसरों को बचाने की जिम्मेदारी हमारी नहीं है।’

माहौल गरमाता देख मेयर बिपिन बिहारी सिंह ने अग्रवाल को सही शब्दों का इस्तेमाल करने की नसीहत। बहरहाल, माहौल गरम होने से कमिश्नर डॉ. रणवीर सिंह प्रॉपर्टी टैक्स पर कोई जवाब नहीं दे पाए और जब इस बारे में उनका पक्ष जानने के लिए कॉल किया तो उन्होंने पिक नहीं किया। हालांकि मेयर से कहा कि सदन ने प्रॉपर्टी टैक्स के रेट नहीं बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर दिया है, जो डीएमसी एक्ट के तहत उसका अधिकार है। इसलिए इस प्रस्ताव को कमिश्नर को मानना ही होगा।

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