बीजेपी के दिग्गज लड़ेंगे एमसीडी चुनाव !

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

अप्रैल में होने वाले एमसीडी चुनाव को लेकर बीजेपी में भी मंथन शुरू हो चुका है। इस बात की संभावना है कि पार्टी के प्रदेश दिग्गजों को इस चुनाव में उतारा जाए। इस मसले पर आरएसएस में विचार-विमर्श चल रहा है। प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी जल्द ही चुनाव कमिटी बनाने जा रही है। फिलहाल टिकट पाने के लिए वर्तमान पार्षद व नेता हाईकमान के नेताओं और आरएसएस कार्यालय की गणेश परिक्रमा में जुट गए हैं।

राजधानी की तीनों नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा है। लेकिन इस बार निगम चुनाव खासे दिलचस्प होने जा रहे हैं। उसका कारण है कि इस बार चुनाव में कांग्रेस तो शिरकत कर ही रही है, आम आदमी पार्टी भी पूरी गंभीरता से अपने प्रत्याशी उतारने की कवायद में जुट गई है। प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस और आप में लगातार एक्सरसाइज चल रही है, लेकिन बीजेपी में शांति नजर आ रही है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि बीजेपी में भी प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन चल रहा है ओर रणनीति बनाई जा रही है कि इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में किस तरह इतिहास को दोहराया जाए। गौरतलब है कि पिछले दस साल से बीजेपी का एमसीडी पर कब्जा है।

सूत्र बताते हैं कि इस मसले को लेकर आरएसएस में गंभीर मंथन शुरू हो चुका है और उसके दिल्ली प्रभारी मुकेश इस बाबत प्रदेश के नेताओं से लगातार फीड बैक ले रहे है। बताते हैं कि इस बातचीत में जो बाते उभरकर आ रही है, उसके अनुसार इस चुनाव में पार्टी पदाधिकारियों को प्रत्याशी बनाने पर विचार हो सकता है। प्रदेश बीजेपी के उपाध्यक्ष, महासचिव व अन्य पदाधिकारी जैसे रविंद्र गुप्ता, राजेश भाटिया, कुलजीत चहल, राजीव बब्बर, कमलजीत सहरावत, शिखा राय को इस चुनाव में उतारा जा सकता है। इनमें से कुछ नेता पहले भी विधानसभा व निगम चुनाव लड़ चुके हैं। बताते हैं कि यह रणनीति इसलिए बनाई जा रही है, क्योंकि एमसीडी में दस साल राज करने के बाद पार्टी के खिलाफ गुस्सा भी दिख रहा है, जिसे शांत करने के लिए वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ाने पर तरजीह दी जा रही है।

सूत्र यह भी बताते हैं कि चुनाव में शायद जिलाध्यक्षों को न लड़ाया जाए। यह बात भी इसलिए उभर कर आई है, क्योंकि जिलाध्यक्षों की जिम्मेदारी लगाई जाएगी कि जिन नेताओं को टिकट दिया जाएगा, उन्हें अपने इलाके में चुनाव लड़वाने के लिए मदद करे। वैसे अगर यह निर्णय लिया गया तो कुछ जिलाध्यक्ष पार्टी का विरोध कर सकते हैं। दूसरी और चुनाव में टिकट पाने के लिए वर्तमान पार्षद व स्थानीय नेता अपने तौर पर संघ नेताओं व आलाकमान से जुड़े नेताओं की गणेश परिक्रमा में जुट गए हैं। इस बाबत नेताओं को फोन किया जा रहा है और उनसे मिलने का समय मांगा जा रहा है। खास बात यह भी है कि बड़े नेता लगातार इन संभावित प्रत्याशियों से मुलाकात कर रहे हैं, ताकि चुनाव के मिजाज को समझा जा सके।

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