बिसाहड़ा में अंतिम संस्कार के बाद तनाव खत्म, संगीत सोम और महेश शर्मा ने कराया समझौता

ग्रेटर नोएडा
बिसाहड़ा में ग्रामीणों और प्रशासन के बीच समझौते के बाद शुक्रवार शाम रविन उर्फ रोबिन का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि गांव के युवाओं ने समझौते पर नाखुशी जाहिर करते हुए हंगामा किया। रविन के पिता और बहन ने इस पर अपनी सहमति जाहिर की। केंद्री मंत्री डॉ. महेश शर्मा और विधायक संगीत सोम और गुड्डू पंडत की मौजूदगी में हुए समझौते के तहत रविन के परिजनों को 25 लाख की आर्थिक मदद देने की बात कही गई है। जांच में दोषी मिलने पर गोकशी के आरोपी जान मोहम्मद की गिरफ्तारी का ऐलान भी किया गया।

ग्रामीणों की 11 सदस्यीय समिति के साथ मीटिंग के बाद विधायक संगीत सोम कने डीएम-एसएसपी की मौजूदगी में समझौते की जानकारी दी। सोम ने कहा कि डीएम ने भरोसा दिया है कि रविन की पत्नी के लिए प्राइवेट नौकरी और बेटी की पढ़ाई के खर्चे की व्यवस्था खुद करेंगे। परिजनों के लिखित में देने के बाद सीबीआई को जांच का प्रस्ताव भेजा जाएगा।

ऐसे बनी प्लानिंग
रविन की मौत के बाद तनाव की स्थिति को देखते हुए शासन ने डीएम एन. पी. सिंह को इस संकट का हल निकालने के लिए आगे किया। वह 4 अक्टूबर से ही ग्रामीणों से संपर्क साधने में जुटे थे। 5 अक्टूबर को भी दिल्ली में पोस्टमॉर्टम हाउस गए। इसके बाद ऐसे लोगों की तलाश शुरू हुई, जिसकी बात ग्रामीण मान सकते थे। डॉ. महेश शर्मा और संगीत सोम से संपर्क साधा गया। संगीत सोम को गुरुवार को आना था, लेकिन नहीं आ सके। कहा जा रहा है कि शुक्रवार के घटनाक्रम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें गुरुवार को आने से रोका गया था। शुक्रवार को कुछ मिनटों के अंतर पर डॉ. महेश शर्मा और संगीत सोम धरनास्थल पर पहुंचे।

तीन घंटे चली मीटिंग
महेश शर्मा ने छोटी-सी स्पीच देने के बाद ग्रामीणों की ओर से फैसला लेने के लिए बनी 11 सदस्यीय समिति से अकेले में बात करने की इच्छा जताई। उन्होंने फैसले की सारी जिम्मेदारी समिति पर डाल दी। यह भी कह दिया कि समिति का निर्णय सभी को मानना होगा। बंद कमरे में दोपहर 12:35 बजे मीटिंग शुरू हुई। संगीत सोम व विधायक गुड्डू पंडित भी मीटिंग में पहुंच गए। डीएम और एसएसपी ने कानूनी पहलुओं से समिति को अवगत कराया। तीने घंटे के मंथन के बाद मामला नतीजे तक पहुंचा।

संगीत सोम को किया आगे
फैसले की घोषणा के लिए डॉ. महेश शर्मा ने संगीत सोम को आगे कर दिया। जैसे ही उन्होंने एक-एक बात कहनी शुरू की, ग्रामीणों ने विरोध में बोलना शुरू कर दिया। गोकशी के मुख्य आरोपी इखलाक के भाई जान मोहम्मद की तुरंत गिरफ्तारी की घोषणा नहीं हो सकी। एक करोड़ की मदद की मांग का फैसला 25 लाख में हुआ। सरकारी नौकरी के स्थान पर प्राइवेट जॉब का आश्वासन मिला। 14 आरोपियों की रिहाई की मांग थी। उनकी पिटाई न होने देने का आश्वासन मिला।

गुड्डू को नहीं बोलने दिया
इसी दौरान लोगों ने विरोध में शोर मचाना शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ने लगा। डॉ. महेश शर्मा मौके से निकल गए। बताया जा रहा है कि गुड्डू पंडित ने इस नतीजे का विरोध किया था। लिहाजा उन्हें धरनास्थल पर बोलने का मौका भी नहीं दिया। वह बोलने लगे तो माइक बीच में ही बंद कर दी गई।

सोम से बहस
संगीत सोम से भी कई युवकों ने बहस की। संगीत सोम ने उन्हें फटकार लगाई और साथ ही फैसले का औचित्य व कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में बताया। गांव के बुजुर्गों ने बीच में आकर सोम का बचाव किया और युवाओं को चुप कराया। बाद में महिलाओं का आमरण अनशन समाप्त कराया गया। हंगामे के दौरान ही संगीत सोम मौके से चले गए। देर शाम भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविन का अंतिम संस्कार कराया गया। इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है।

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