बालकनी से गिरकर मौत: हर मां-बाप के लिए सबक है यह घटना

गाजियाबाद
इंदिरापुरम अहिंसाखंड-1 स्थित जयपुरिया सनराइज ग्रीन सोसायटी की 10वीं मंजिल से गिरने पर चार साल की बच्ची की मौत के करीब दस मिनट बाद परिवारवालों को हादसे का पता चला। हादसा होते ही गार्ड मौके पर पहुंचा और पता करने लगा कि बच्ची किस फ्लोर से गिरी है। इसकी जानकारी नहीं मिल पाई तो उसने अपने साथी से कहा कि वह लिफ्ट में लगे स्पीकर से बच्ची गिरने का अनाउंसमेंट कर दे, जिससे ब्लॉक में रह रहे सभी लोगों को हादसे की सूचना मिल सके।

अनाउंसमेंट के बाद भी गार्ड को जानकारी नहीं मिल सकी कि बच्ची किसकी है। इसी दौरान गार्ड बच्ची को लेकर अस्पताल चले गए। करीब दस मिनट बाद बच्ची की बड़ी बहन ट्यूशन पढ़कर घर लौट रही थी। उसने ब्लॉक के पास लगी भीड़ पर ध्यान नहीं दिया और सीधे फ्लैट पर चली गई। वहां पहुंचकर उसने देखा कि उसकी छोटी बहन घर में नहीं है। उसने यह बात माता-पिता को बताई। इसके बाद माता-पिता ने पता किया तो जानकारी मिली कि उनकी बच्ची बालकनी से नीचे गिर गई है। इस पर माता-पिता अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी।

पिलर से टकराते हुए गिरी नीचे
सोसायटी में 10वीं मंजिल के फ्लैट-1001 में प्रॉपर्टी कारोबारी मनीष सचदेवा का परिवार किराए पर रहता है। मनीष की पत्नी नेहा कोचिंग देती हैं। सोमवार शाम मनीष व नेहा घर से बाहर थे। इस दौरान उनकी 11 साल की बड़ी बेटी परी और चार साल की छोटी बेटी मायरा घर पर थी। शाम को चार साल की मायरा सो रही थी। परी ट्यूशन के लिए निकल गई। बताया गया कि इसी दौरान मायरा नींद से उठी तो घर में कोई नहीं मिला। वह माता-पिता व बहन को ढूंढ़ते हुए बालकनी तक पहुंची और कुर्सी रखकर बालकनी से नीचे देखने लगी। उसका संतुलन बिगड़ गया और वह छठी मंजिल के पिलर से टकराते हुए नीचे आ गिरी व उसकी मौत हो गई।

बच्ची को घर में अकेला क्यों छोड़ा?
सोसायटी में बालकनी से गिरकर बच्ची की मौत के बाद दिनभर लोग अपनी बालकनी से सोसायटी में नीचे देखते रहे। वहीं, सोसायटी के पार्क में सीनियर सिटिजन और अन्य महिलाएं इस हादसे के बाद पूरे दिन हादसे को लेकर ही चर्चा करते रहे। पार्क में कुछ सीनियर सिटिजन कहते दिखे कि परिवार ने इतनी छोटी बच्ची को घर में अकेला क्यों छोड़ा। बच्ची को अकेला न छोड़ा जाता तो हादसा न होता।

कुछ गिरने की आवाज आई थी
एफ ब्लॉक में ड्यूटी दे रहे गार्ड प्रदीप कुमार ने बताया कि जिस समय बच्ची गिरी थी, तब वह ब्लॉक की छत पर गेट बंद करने जा रहे थे। इसी दौरान ऊपर की मंजिल पर कुछ आवाज आई। उन्हें लगा कि सातवीं मंजिल पर मरम्मत का काम चल रहा है, वहीं से कुछ गिरा होगा। यह सोचकर वह सोसायटी के बाहर आए तो बच्ची लहूलुहान हालत में मिली। उन्होंने शोर मचाया तो आसपास के लोग भी मौके पर आ गए। वह शोर मचाते हुए आसपास खड़े लोगों से कार निकालकर लाने की अपील करते रहे, लेकिन कोई आगे नहीं आया।

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