बात निकलेगी.. दूर तलक जाएगी

  लोकसभा सचिवालय में भारी खींचतान चल रही है। इतनी खींचतान कि लगभग सारा काम ठप पड़ा है। कथा इस प्रकार है कि लोकसभा सचिवालय में चार अतिरिक्त सचिव हैं। चारों 85 बैच के हैं, और भारत सरकार में ज्वाइंट सेक्रेटरी रैंक पर हैं। इनके विपरीत हैं लोकसभा सचिवालय के सचिव डी.के. भल्ला।   भल्ला भारत सरकार की सेवा में भी इन चारों के बाद आए और बैच की दृष्टि से भी इनसे एक वर्ष जूनियर हैं। शुक्रवार को भल्ला को विभागीय प्रमोशन कमेटी का भी अध्यक्ष बना दिया गया। इसके विरोध में चारों अतिरिक्त सचिव उठ कर खड़े हो गए। बात ऊपर तक पहुंचने की चर्चा है।    49 से 56  वैसे तो राजनीति का आंकड़ों से कोई खास संबंध नहीं है, लेकिन कुछ आंकड़े उसे भा गए है। जैसे अरविंद केजरीवाल ने पहली बार सिर्फ 49 दिनों के लिए सरकार चलाई थी। नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें नाम लिए बिना एके-49 कह दिया, और 49 का अंक लोकप्रिय हो गया। अब 49 की जगह 56 ने ले ली है। पहले 56 इंच के सीने के जुमले के कारण और अब राहुल गांधी के 56 दिनों के अज्ञातवास के कारण। इन 56 दिनों के बाद राहुल रोज दनादना रहे हैं। बीजेपी इंतजार…

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