फिल्‍म रिव्‍यू: बदली हुई भूमिकाओं में ‘की एंड का’ (3 स्‍टार)

कबीर बताता है…’घर संभाले तो की, बाहर जाकर काम करे तो का… अकॉर्डिंग टू हिंदुस्तानी सभ्यता।’ आर बाल्की की फिल्म ‘की एंड का’ हिंदुस्तानी सभ्याता की इस धारणा का विकल्प पेश करती है और इसी बहाने बदले हुए समाज में स्त्री-पुरुष संबंधों में वर्चस्व के सवाल को छूती है।

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