फिल्‍म रिव्‍यू: चौरंगा (3 स्‍टार)

बिकास रंजन मिश्रा ने ग्रामीण कथाभूमि में ‘चौरंगा’ रची है। शहरी दर्शकों को अंदाजा नहीं होगा, लेकिन यह सच है कि श्याम बेनेगल की ‘अंकुर’ से बिकास रंजन मिश्रा की ‘चौरंगा’ तक में देश के ग्रामीण इलाकों की सामाजिक संरचना और सामंती व्यवस्था में कोई गुणात्मक बदलाव नहीं आया है।

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