फिल्म रिव्यू- ‘जुबान’, एहसास और पहचान की कहानी (3.5 स्टार)

दिलशेर बच्चा है। वह अपने पिता के साथ गुरूद्वारे में जाता है। वहां पिता के साथ गुरूवाणी और सबद गाता है। पिता बहरे हो रहे हैं। उनकी आवाज असर खो रही है और वे एक दिन आत्महत्या कर लेते हैं। दिलशेर का संगीत से साथ छूट जाता है। वह हकलाता

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