फिल्म रिव्यू : ‘अजहर’, महज रसोईघर की राजनीति (2.5 स्‍टार)

कुछ को छोड़ सभी कलाकारों ने अपना काम बड़ी ढिलाई से किया है। नतीजतन अजहर जैसा गूढ किरदार सिर्फ प्या़र के आमोद-प्रमोद और घर व टीम की रसोई-ड्रेसिंग रूम राजनीति बनकर रह गई है।

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