पूर्व डीएम पर भी आंच!

किरणपाल राणा, गाजियाबाद

नोटिस भेजकर अवैध उगाही करने, स्टाम्प की गड़बड़ी व रेड मॉल का सर्कल रेट घटाने को लेकर एआईजी स्टाम्प की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई विभागीय जांच की आंच अब कई पूर्व अधिकारियों पर भी गिर सकती है। सर्कल रेट बढ़ाने और घटाने का अधिकार डीएम के पास होता है, जिस समय सर्कल रेट घटाया गया, उस समय बतौर डीएम निधि केसरवानी तैनात थीं। सूत्र बताते हैं कि रेड मॉल का सर्कल रेट घटाने के आदेश में नियमों का भी पालन नहीं किया गया। नियम है कि सब-रजिस्ट्रार, एआईजी स्टाम्प और एडीएम फाइनैंस के साइन होने के बाद डीएम इस सर्कल रेट पर अंतिम हस्ताक्षर करते हैं, जिसके बाद इसे लागू किया जाता है। रेड मॉल वाले मामले में ऐसा नहीं किया गया। इसमें केवल एआईजी स्टाम्प से रिपोर्ट लेकर तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी ने सर्कल रेट जारी कर दिया। वहीं, स्टाम्प विभाग के पूर्व उपायुक्त अजय गोयल के कंप्यूटर से निधि केसरवानी की ओर से जारी किए गए एक आदेश की कॉपी मिली है, जिस पर पूर्व डीएम के साइन नहीं हैं।

यह है मामला

एआईजी स्टाम्प राजेश शर्मा पर आरोप है कि उनका कार्यालय राजनगर सेक्टर-2 स्थित स्टाम्प विभाग के पूर्व उपायुक्त अजय गोयल के घर से चल रहा था। यहीं से नोटिस जारी करने की प्रक्रिया पूरी की जाती थी। इस मामले में राजेश शर्मा के खिलाफ मोदीनगर के एक बैनामा लेखक ने 2 एफआईआर काफी पहले दर्ज कराई थीं। वहीं, प्रशासन की ओर से कराई गई एफआईजार में अजय गोयल का भी नाम शामिल है। पुलिस ने गुरुवार देर रात राजेश को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि अजय गोयल फरार है। आरोप है कि वह गोयल के घर पर लगे कंप्यूटर से ही झूठी शिकायतों के आधार पर स्टाम्प चोरी के नोटिस जारी करते थे। गोयल के घर से बरामद कंप्यूटर में पूर्व डीएम निधि केसरवानी के एक आदेश की कॉपी भी मिली है, जिस पर उनके साइन नहीं हैं। इससे इस मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि पूर्व डीएम का एक आदेश व स्टाम्प संबंधी मामले की फाइल पूर्व उपायुक्त अजय गोयल के कंप्यूटर में कैसे पहुंचा?

सर्कल रेट में भी ‘खेल’

वहीं, जमीन का सर्कल रेट घटाने का भी मामला जांच के दौरान सामने आ रहा है। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि एक अगस्त 2015 को तत्कालीन डीएम विमल कुमार शर्मा ने पूरे जिले में नया सर्कल रेट जारी किया था, जिसमें नया बस अड्डा व रेड मॉल की जमीन का रेट 1.40 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर तय किया गया था। तत्कालीन डीएम ने सर्कल रेट रिवाइज करने के लिए सब-रजिस्टार की सर्वे रिपोर्ट का आकलन किया था। इस रिपोर्ट पर सब-रजिस्टार के साथ-साथ एआईजी स्टाम्प, एडीएम फाइनैंस और खुद डीएम के हस्ताक्षर हैं। इसके बाद 8 अगस्त 2016 को तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी ने सर्कल रेट रिवाइज किया, जिसमें रेड मॉल की जमीन का सर्कल रेट 1.40 लाख से घटाकर 90 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर कर दिया गया। इससे यूपी सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है। खास बात यह है कि रिवाइज्ड सर्कल रेट के आदेश पर सब-रजिस्ट्रार, एडीएम फाइनैंस के हस्ताक्षर नहीं हैं।

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