पीएम आवास योजना: PMO ने रियल एस्टेट डिवेलपर्स से की बात

नई दिल्ली
सरकार के महत्वाकांक्षी ‘2022 तक सभी के लिए आवास’ कार्यक्रम में निजी रीयल एस्टेट कंपनियों को शामिल करने के तौर तरीकों पर शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में चर्चा हुई। चर्चा क्षेत्र में आने वाली ‘दिक्कतों’ को दूर करने पर केंद्रित रही। सूत्रों ने बताया कि यह बैठक प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने बुलाई थी।

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बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि किफायती मकानों पर ब्याज सब्सिडी का फायदा जल्द से जल्द संभावित ग्राहकों तक किस तरह पहुंचाया जाए। सूत्रों के अनुसार विचार-विमर्श इन आवास योजनाओं को पीपीपी मॉडल में पूरा करवाने पर केंद्रित रहा ताकि सस्ते मकानों की आपूर्ति बढ़ाई जा सके। वर्ष 2022 में देश स्वतंत्रता के 75 साल पूरे करने जा रहा है।

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पीएम मोदी चाहते हैं कि तब तक सभी के लिए मकान सुनिश्चित किए जाएं। यही कारण है कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना पर ध्यान केंद्रित कर रही है। बैठक में रीयल एस्टेट डिवेल्पर्स के दो शीर्ष संगठनों क्रेडाई और नरेडको के प्रतिनिधि शामिल हुए। टाटा हाउसिंग के अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।

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रीयल एस्टेट कंपनियों ने छोटे शहरों में परियोजनाएं शुरू करने में आ रही दिक्कतों को सामने रखा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी की घोषणा की थी। मोदी ने नए साल की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन में कहा था कि इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 33 प्रतिशत और मकान बनाये जाएंगे।

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