पीएनबी फर्जीवाड़े का असर, संबंधित पक्षों के 4 दिन में डूबे 15000 करोड़ रुपये

नई दिल्ली
कोई फ्रॉड जितना बड़ा हो उसका असर उससे बहुत बड़ा होता है। पंजाब नैशनल बैंक के ताजा उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। इस मामले में 11,300 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का पता चला तो इससे प्रभावित लोगों और संस्थानों के 15,000 करोड़ रुपये डूब गए। ऐसा उन कंपनियों या बैंकों के मार्केट कैप में गिरावट की वजह से हुआ जो किसी-न-किसी तरह से इस मामले से जुड़े हैं।

बैंकों को चिट्ठी लिख नया खेल कर रहे नीरव?

पीएनबी केस में निवेशकों के 9,047 करोड़ रुपये डूब गए। शुक्रवार 16 फरवरी 2018 को दिन में 10:30 बजे पीएनबी का मार्केट कैप घटकर 30,162.18 करोड़ रुपये रहा गया जो 12 फरवरी को 39,209.62 करोड़ रुपये था। वहीं, जूलरी फर्म गीतांजलि जेम्स के शेयरों में भी गिरावट आई और शुक्रवार को उसका मार्केट कैप 300 करोड़ रुपये गिरकर 445.50 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान उसके शेयर 40% गिर गए। पीएनबी के अलावा अन्य बैंकों के तीन दिनों में 5,500 करोड़ रुपये डूब चुके हैं।

चूंकि देश के इस सबसे बड़े फर्जीवाड़े के केंद्र में नीरव मोदी हैं, इसलिए उनके मामा मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स पर सेबी की नजर गड़ गई है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, नीरव मोदी ने पीएनबी के उन लेटर्स ऑफ अंडरस्टैंडिंग को बार-बार इस्तेमाल कर करीब 17 बैंकों को अलग से 3,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।

2011-18 तक 22600 करोड़ का बैंक फ्रॉड

रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 बैंकों ने नीरव मोदी से जुड़ी अलग-अलग कंपनियों को पैसे दिए थे। पीएनबी के अलावा इस लिस्ट में इलाहाबाद बैंक, आईडीबीआई बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक, विजया बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।

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