पर हुआ क्या था ?

  सुना है कि कॉल ड्रॉपिंग और टेलीकॉम के बाकी मसलों को लेकर टेलीकॉम मंत्री को कैबिनेट की बैठक में और बाकी मंत्रियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री से झाड़ सुननी पड़ गई थी। इस घटना के तीन संस्करण सामने आए हैं। एक यह कि प्रधानमंत्री काफी नाराज थे और उन्होंने रविशंकर प्रसाद से कह दिया था कि अगर आप अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा सकते, तो किसी और को यह काम करने दें। उधर रविशंकर प्रसाद का कहना है कि डांट पड़ने जैसी कोई बात नहीं थी, सिर्फ नियमित बातचीत थी। वहीं पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री रवि बाबू को बहुत पसंद करते हैं और रविबाबू बिहार चुनाव में डटे हुए हैं। छिटपुट बातें मायने नहीं रखती हैं।   फिरेंगे दिन अनंत कुमार के !  बड़े दिनों के बाद अनंत कुमार को कोई महत्वपूर्ण भूमिका बिहार चुनाव में मिली है। फिलहाल अनंत कुमार से प्रधानमंत्री भी खुश हैं और अमित शाह भी। रामलाल, भूपेन्द्र यादव, धर्मेन्द्र प्रधान और अमित शाह के साथ बिहार में चुनाव का काम संभालने वाली पांच सदस्यीय कोर टीम के सदस्य अनंत कुमार ही हैं। सवाल यह है कि क्या बिहार चुनाव में की गई…

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