पर बचेंगे कब तक?

और खडूर साहिब सीट का उपचुनाव अकाली दल जमकर जीता। कोई विपक्ष था ही नहीं। असली संकट में कांग्रेस है। पंजाब के अखाड़े में दो हैवी-वेट पहलवान पहले ही मौजूद हैं। एक पुराना है, और दूसरा जोश ज्यादा दिखा रहा है। कांग्रेस न नंबर दो पर आना बर्दाश्त कर सकती है, न नंबर तीन पर आना। और इस चक्कर में वह उपचुनाव में ही नहीं उतरी। अमरिन्दर सिंह का मानना है किपंजाब कांग्रेस अभी अखाड़े में उतरने लायक नहीं है। लेकिन अमरिन्दर विरोधी खेमे ने कहना शुरु कर दिया है कि तिकोना मुकाबला तो रहेगा ही, कब तक बचेंगे?   केजरीवाल जाएंगे पंजाब! लेकिन पंजाब को लेकर अरविंद केजरीवाल पूरी तरह संजीदा हैं। चर्चा यहां तक है कि केजरीवाल दिल्ली की गद्दी सिसोदिया को सौंप कर खुद पंजाब का सीएम बनने की कोशिश कर सकते हैं। हालांकि उनके एक अन्य पुराने यार- कुमार विश्वास के साथ उनका विश्वास भंग पूरी तरह हो चुका है। कुमार विश्वास के बीजेपी में जाने की भी सुगबुगाहट है।   इस खेल का कोई रेफरी नहीं  विपक्ष का खेल बहुत साफ है। गोल मारना है। दिक्कत सिर्फ इत्ती सी है कि गोल कहां होगा और कौन मारेगा, बस यह…

bhaskar