नोटबंदी-जीएसटी बेअसर, देश में बढ़ी सोने की मांग

मुंबई
नोटबंदी और जीएसटी भी देश में सोने की मांग पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुए है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले साल सोने की मांग 9.1 प्रतिशत बढ़कर 727 टन रही। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल स्वर्ण (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट के अनुसार धनतेरस पर कम कीमत, सकारात्मक आर्थिक पृष्ठभूमि और उपभोक्ताओं (खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में) के रुख में सुधार के चलते मांग में तेजी रही।

डब्ल्यूजीसी ने सोने के डिमांड से जुड़े ट्रेंड्स के बारे में अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2016 में कुल मांग 666.1 टन थी। डब्ल्यूजीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने सामाचार एजेंसी पीटीआई से कहा , ‘आभूषण, शेयर बाजार का बेहतर प्रदर्शन और जीडीपी ग्रोथ का बेहतर अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना तथा उपभोक्ताओं (खासकर ग्रामीण) का रुख तेजी की वजह रही। इसके अलावा सरकार द्वारा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) से आभूषण कारोबार को हटाए जाने से मांग को बढ़ावा मिला।’

वर्ष 2017 में मांग बढ़ाने का मुख्य कारण आभूषणों की मांग में वृद्धि रही। 2017 में आभूषण की मांग 12 प्रतिशत बढ़कर 562.7 टन हो गयी जबकि 2016 में यह 504.5 टन थी। मूल्य के आधार पर आभूषणों मांग 2016 में 1,36,290 करोड़ रुपये से 9 % बढ़कर 2017 में 1,48,100 करोड़ रुपये हो गई। देश में सोने की रीसाइकलिंग 2017 में 88.4 टन रही, जो कि 2016 में 79.5 टन थी।

आंकड़ों पर सोमसुंदरम ने कहा, ‘हम 2018 में सोने की मांग 700-800 टन रहने की आशा कर रहे हैं। कुल आयात 2017 में यह 59 प्रतिशत बढ़कर 888 टन हो गया। इसकी तुलना में 2016 में आयात 558 टन था। वहीं, वैश्विक स्तर पर 2017 में सोने की मांग 7 प्रतिशत गिरकर 4,071.7 टन रही। 2016 में समग्र मांग 4,362 टन थी। ईटीएफ में कम निवेश का कारण वैश्विक मांग में गिरावट रही।’

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