नीरवगेट में SBI चेयरमैन ने किया PNB का बचाव, कहा- प्राइवेट सेक्टर की वजह से बैड लोन का संकट

जोएल रेबेलो/सलोनी शुक्ला, मुंबई
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं, उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर बेहतर कॉरपोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स के पालन का दावा करता है, लेकिन लोन डिफॉल्ट और बैंकरप्सी केस से यह खोखला साबित हुआ है। इकनॉमिक टाइम्स को सोमवार को दिए इंटरव्यू में कुमार ने सरकारी बैंकों का बचाव किया। पीएनबी स्कैम के बाद सरकारी बैंकों के कामकाज की आलोचना हो रही है और उनके निजीकरण की मांग भी उठ रही है।

PNB ने बताया, नीरव का 1,300 Cr. का एक और फ्रॉड

सरकारी बैंकों के आलोचकों को जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि बैड लोन और खराब कॉरपोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स के सारे मामले प्राइवेट कंपनियों से जुड़े हैं, जबकि सरकारी कंपनियों का गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स काफी अच्छा है। उन्होंने कहा, ‘अगर प्राइवेट सेक्टर अच्छे कॉरपोरेट गवर्नेंस का पालन करता है तो मुझे बताइए कि आज कौन सी सरकारी कंपनी एनसीएलटी में है? दिवालिया अदालत में जो भी मामले चल रहे हैं, वे प्राइवेट कंपनियों से जुड़े हैं।’

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कुमार ने बताया, ‘वे (प्राइवेट कंपनियां) डिफॉल्ट करते हैं और इंडस्ट्री असोसिएशंस में उच्च पदों पर उनका कब्जा होता है। आज की हकीकत यही है। इसलिए अगर कोई सलाह दे रहा है तो उसे पहले सच का पता लगाना चाहिए। आखिर ये डिफॉल्टर्स क्यों अगली कतार में बैठे हुए हैं और बैंक पिछली कतार में?’पीएनबी के साथ 11,300 करोड़ रुपये के फ्रॉड के बाद सरकारी बैंकों के निजीकरण की मांग तेज हुई है। अरबपति और कोटक महिंद्रा बैंक के एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन उदय कोटक ने कहा था कि देश में इतने ज्यादा सरकारी बैंकों की जरूरत नहीं है।

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पिछले हफ्ते द इकनॉमिक टाइम्स की तरफ से आयोजित ग्लोबल बिजनस समिट में एक्सपर्ट्स ने भी कहा था कि इन बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी कम करने का समय शायद आ गया है। हालांकि, एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि सरकारी कंपनियां समाज की बेहतरी में भी भूमिका निभाती हैं और यह काम प्राइवेट सेक्टर करने को तैयार नहीं है। कुमार ने कहा, ‘देश में एक बड़ा सामाजिक-आर्थिक अजेंडा है, जिसे सिर्फ सरकारी बैंक पूरा कर रहे हैं। क्या किसी ने यह पूछा कि देश के दूरदराज और मुश्किल क्षेत्रों में कौन ब्रांच खोलेगा, जहां ब्रांच तक पहुंचने के लिए 12 घंटे तक पैदल चलना पड़ता है?’

पीएनबी स्कैम के बारे में कुमार ने कहा कि सारे कमिटमेंट पूरे होने के बाद बैंकिंग सिस्टम की विश्वसनीयता बनी रहेगी। कुमार ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि पीएनबी ऐसा कुछ भी नहीं करेगा, जिससे भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा कम हो।’

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